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कांग्रेस ने अर्थव्यवस्था को किया चौपट

वित्त मंत्री अरुण जेटली का मानना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हाल की तीन देशों की यात्रा से विश्व में भारत की हैसियत बढ़ी है। इसके लिए उन्होंने मोदी की प्रशंसा की है। साथ ही कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला है। वित्त मंत्री का कहना है, 'इस

By Kamal VermaEdited By: Published: Sun, 23 Nov 2014 07:36 PM (IST)Updated: Sun, 23 Nov 2014 07:51 PM (IST)
कांग्रेस ने अर्थव्यवस्था को किया चौपट

नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली का मानना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हाल की तीन देशों की यात्रा से विश्व में भारत की हैसियत बढ़ी है। इसके लिए उन्होंने मोदी की प्रशंसा की है। साथ ही कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला है। वित्त मंत्री का कहना है, 'इस पार्टी ने न केवल सरकार में रहते हुए अर्थव्यवस्था को चौपट किया बल्कि विपक्ष में रहते हुए भी ऐसा ही कर रही है।'

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ममता पर साधा निशाना

जेटली ने कांग्रेस के साथ-साथ तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी पर भी जमकर निशाना साधा। वित्त मंत्री के मुताबिक सारधा घोटाले में कुछ तृणमूल नेताओं की गिरफ्तारी और उनसे हुई पूछताछ पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की प्रतिक्रिया बेहद निराशाजनक है।

जी 20 की बैठक के केंद्र में रहे मोदी और भारत

रविवार को अपने फेसबुक पोस्ट में जेटली ने कहा है कि म्यांमार, आस्ट्रेलिया और फिजी के प्रधानमंत्री के हाल के दौरे से दुनिया के देशों में भारत का मान बढ़ा है। आस्ट्रेलिया के ब्रिस्बेन में हुई जी 20 की बैठक में भारत और मोदी दोनों केंद्र में रहे। दुनिया में भारत का स्तर बढ़ने का इससे बेहतर उदाहरण और क्या हो सकता है कि अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा भारत के गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि बनने को राजी हो गये हैं।

कांग्रेस के पास मुद्दों का अभाव

जेटली ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि मुद्दों के अभाव के चलते ही यह पार्टी अब सार्वजनिक बैंकों से कॉरपोरेट घरानों को दिए जाने वाले कर्ज पर सवाल खड़े कर रही है। उन्होंने पूछा कि यह सार्वजनिक बहस का विषय कैसे हो सकता है। हाल ही में अडानी समूह की आस्ट्रेलियाई सहायक कंपनी को भारतीय स्टेट बैंक ने छह हजार करोड़ रुपये का कर्ज देने संबंधी एक सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया है। यह कंपनी आस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड में कोयला खनन परियोजना चला रही है।

अधिसूचना पढ़े बगैर किसान विकास पत्र प्रतिक्रिया दी

वित्त मंत्री ने कहा कि यह पूरी तरह से कर्ज देने वाले और कर्ज लेने वाले के संबंधों और कर्ज लेने संबंधी उसकी योग्यता पर निर्भर करता है। यह दिखाता है कि कांग्रेस के पास मुद्दों का अभाव है। कांग्रेस पर हमला करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि पार्टी ने बिना अधिसूचना पढ़े यह नतीजा निकाल लिया कि किसान विकास पत्र काले धन के सृजन का स्त्रोत बनेगा। अधिसूचना में स्पष्ट कहा गया है कि किसान विकास पत्र खरीदते वक्त अपनी पहचान बताना अनिवार्य होगा। साथ ही 50000 रुपये से अधिक के निवेश पर स्थायी खाता संख्या का भी उल्लेख करना होगा। जेटली ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि कांग्रेस पार्टी ने बिना अधिसूचना पढ़े इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।

संसद सत्र बाधित करने का इरादा

जेटली ने आरोप लगाया कि सोमवार से शुरू हो रहे संसद के सत्र के कामकाज को बाधित करने की कांग्रेस की ओर से योजना बनाई जा रही है। उनके अनुसार कांग्रेस ने सत्ता में रहते अर्थव्यवस्था को तबाह किया और अब विपक्ष में बैठ कर भी उसी तरह के नुकसान पहुंचाने वाले कदम उठाना चाहती है।

मजबूत इरादे और कठोर अनुशासन ही मोदी की ताकत

वित्त मंत्री अरुण जेटली का मानना है कि किसी महान खिलाड़ी की तरह मजबूत इरादे और कठोर अनुशासन ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वास्तविक ताकत हैं। पिछले 15 साल से मोदी को करीब से जानने वाले जेटली ने मोदी को आत्मविश्वास संपन्न व्यक्ति बताया है। एक विशेष भेंट में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उनमें कुछ-न-कुछ सीखते रहने की प्रवृत्ति है। इसीलिए उनका विकास होता रहता है। आप देखेंगे कि पिछले कुछ महीनों में एक मुख्यमंत्री से प्रधानमंत्री और फिर विश्व नेता के रूप में लगातार उनका विकास होता रहा है। मुझे नहीं लगता है कि राजनीति में कोई दूसरा भी ऐसा नेता है, जो इतनी तेजी से उभरा हो।

मोदी के दृढ़संकल्प की चर्चा करते हुए जेटली ने कहा कि इस गुण का पता उनके गुजरात जाने के बाद चला। मुख्यमंत्री के रूप में सरकार चलाते समय उन्होंने विरोधाभासी विचारों के साथ भटकने के बजाय अपना ध्यान विकास पर केंद्रित रखा।

जेटली के अनुसार, 2002 में गुजरात दंगों के बाद कोई मोदी का पक्ष सुनने के लिए तैयार नहीं था। ऐसे में मीडिया के दायरे से बाहर आकर उन्होंने जनता से सीधे संवाद करना शुरू कर दिया। वे लोगों को अपने भावी कार्यक्रमों के बारे में बताने लगे। अगले 10-12 सालों तक विरोधियों को जवाब देने के बजाय वे मजबूती से अपनी नीतियों पर टिके रहे। इसका नतीजा ये रहा कि आखिरकार वे विकास के एजेंडे को राजनीति के केंद्र में लाने में सफल रहे।

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