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मुख्यमंत्री योगी अादित्यनाथ का फरमान, अफसर 15 दिन में दें संपत्ति का ब्यौरा

मुख्यमंत्री योगी अदित्यनाथ की इस बैठक में अधिकारियों के बीच बैठक से पहले भारतीय जनता पार्टी का घोषणा पत्र (संकल्प पत्र) बांटा गया है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Mon, 20 Mar 2017 03:47 PM (IST)Updated: Tue, 21 Mar 2017 01:58 PM (IST)
मुख्यमंत्री योगी अादित्यनाथ का फरमान, अफसर 15 दिन में दें संपत्ति का ब्यौरा
लखनऊ (जेएनएन)।  भ्रष्टाचार मुक्त उत्तर प्रदेश और सुशासन के वादे के साथ जारी अपने चुनावी संकल्प पत्र को भाजपा सरकार ने मूर्त रूप देने की शुरुआत कर दी है।
पारदर्शी व्यवस्था के लिए अपने मंत्रियों को संपत्ति का ब्यौरा देने के निर्देश के दूसरे दिन कामकाज शुरू करते ही मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने फरमान सुना दिया कि 15 दिनों के भीतर अफसर भी अपनी चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा निर्धारित प्रारूप पर दें। उन्होंने स्वच्छता अभियान के लिए अफसरों को शपथ भी दिलाई। मुख्यमंत्री ने दो टूक कह दिया कि थानों और तहसीलों को राजनीतिक दबाव से मुक्त रखें।
शपथ ग्रहण के दूसरे दिन मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दोनों उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और डॉ. दिनेश शर्मा के साथ लोकभवन में तीन बजे मुख्य सचिव व सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव और सचिवों की बैठक की। जिन विभागों में प्रमुख सचिव और सचिव नहीं थे, उनके विशेष सचिव बुलाये गये थे।
करीब 100 की संख्या में पहुंचे इन अफसरों ने बारी-बारी से अपना परिचय और विभाग बताया। फिर सबको भाजपा के लोक कल्याण संकल्प पत्र-2017 (घोषणा पत्र) की एक-एक कॉपी दी गयी। करीब 35 मिनट तक चली इस बैठक में मुख्यमंत्री ने अफसरों से कहा कि आप भाजपा का संकल्प पत्र पढ़ें और अपने विभाग से संबंधित योजनाओं का प्रस्ताव तैयार करें।
विभागीय मंत्री या मुख्यमंत्री को प्रस्ताव अविलंब दिखाएं और संकल्प पत्र के एक-एक बिन्दुओं को प्राथमिकता पर लागू करें। उन्होंने अब तक किये गये कार्यों की समीक्षा रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए हैं। ध्यान रहे कि कई ऐसे भी अफसर हैं जो अपने आय-व्यय का ब्यौरा नहीं देते हैं। 
पहली बैठक में योगी की खास हिदायत
- प्रदेश का बजट तैयार करते समय संकल्प पत्र में दिये गये बिन्दुओं का रखें ध्यान।
- संवेदनशील एवं ईमानदार अफसरों-कर्मचारियों की हो तैनाती।
- आम जनता को निर्धारित समय में सेवाएं उपलब्ध कराने को तैयार करें सिटीजन चार्टर।
- भ्रष्टाचार और गुंडाराज से मुक्त पारदर्शी प्रशासन के निर्देश।
- संवेदनशील, जवाबदेह, ऊर्जावान एवं प्रगतिशील व्यवस्था देने को ले संकल्प।
- भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टालरेंस नीति अपनाएं और पक्षपात रहित काम करें।
- किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य का भुगतान समय से किया जाए।
- अनाजों के भंडारण के लिए पर्याप्त व्यवस्था की जाए।
- कृषि आधारित उद्योग धंधों को बढ़ावा दें।
- औद्योगिक वातावरण के लिए सिंगल विंडो सिस्टम बनाएं।
- केन्द्र सरकार द्वारा संचालित स्टार्टअप एवं कौशल विकास योजनाओं को भी प्रभावी रूप से करें लागू।
- दिसम्बर-2017 तक प्रदेश के 30 जिलों में स्वच्छता मिशन के लक्ष्य को प्राप्त करने को युद्धस्तर पर हो कार्य।
मैं न गंदगी करूंगा और न किसी को करने दूंगा : योगी
मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने स्वच्छता की शपथ दिलाई। वह शपथ पत्र पढ़ रहे थे और अफसर इसे दोहरा रहे थे। योगी ने शुरुआत महात्मा गांधी को याद करते हुए कहा 'महात्मा गांधी ने जिस भारत का सपना देखा था उसमें सिर्फ राजनीतिक आजादी ही नहीं थी बल्कि एक स्वच्छ एवं विकसित देश की कल्पना भी थी। महात्मा गांधी ने गुलामी की जंजीरों को तोड़कर मां भारती को आजाद कराया।
अब हमारा कर्तव्य है कि गंदगी को दूर करके भारत माता की सेवा करें। इसके बाद शपथ की प्रक्रिया शुरू हुई। 'मैं शपथ लेता हूं कि मैं स्वयं स्वच्छता के प्रति सजग रहूंगा और उसके लिए समय दूंगा। हर वर्ष 100 घंटे यानी हर सप्ताह दो घंटे श्रमदान करके स्वच्छता के इस संकल्प को चरितार्थ करूंगा। मैं न गंदगी करूंगा और न किसी और को करने दूंगा। सबसे पहले मैं स्वयं से, मेरे परिवार से, मेरे मुहल्ले से, मेरे गांव से एवं मेरे कार्यस्थल से शुरुआत करूंगा।
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मैं यह मानता हूं कि दुनिया के जो भी देश स्वच्छ दिखते हैं उसका कारण यह है कि वहां के नागरिक गंदगी नहीं करते और न ही होने देते हैं। इस विचार के साथ मैं गांव-गांव और गली-गली तक स्वच्छ भारत मिशन का प्रचार करूंगा। मैं आज जो शपथ ले रहा हूं, वह अन्य 100 व्यक्तियों से भी करवाऊंगा। वे भी मेरी तरह स्वच्छता के लिए 100 घंटे दें, इसके लिए प्रयास करूंगा। मुझे मालूम है कि स्वच्छता की तरफ बढ़ाया गया मेरा एक कदम पूरे भारत देश को स्वच्छ बनाने में मदद करेगा।
कानून-व्यवस्था पर सीएम का रुख सख्त
मुख्यमंत्री का कानून-व्यवस्था पर विशेष जोर है। इसका असर सुबह से ही देखने को मिला। सुबह नौ बजते ही मुख्य सचिव राहुल भटनागर, प्रमुख सचिव गृह देबाशीष पंडा और डीजीपी जावीद अहमद उनसे मिले। सीएम ने दोपहर को डीजीपी को फिर तलब किया।
दो दिन के भीतर हुई आपराधिक घटनाओं पर उन्होंने सख्ती दिखाई। कहा कि पुलिस की हनक और धमक होनी चाहिए। इलाहाबाद में पूर्व ब्लाक प्रमुख की हत्या समेत अन्य मामलों की रिपोर्ट भी ली। उन्होंने निर्देशित किया कि जिलों में तैनात अफसरों के बीच संदेश चला जाए कि लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मुख्यमंत्री के इस सख्त कदम के बारे में जानकारी देते हुए सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि आगरा और इलाहाबाद की घटना पर सरकार ने चिंता जताते हुए सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।

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