Move to Jagran APP

डॉक्‍टरों की लापरवाही से आंखें खोने वाली लड़की को 1.7 करोड़ मुआवजा

तमिलनाडु के सरकारी अस्‍पताल में जन्‍म लेने वाली एक लड़की ने डॉक्‍टरों की लापरवाही के कारण अपनी आखें खो दी। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में सरकार को पीडि़ता को 1.7 करोड़ रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है।

By Sanjay BhardwajEdited By: Published: Thu, 02 Jul 2015 10:12 AM (IST)Updated: Thu, 02 Jul 2015 10:38 AM (IST)

चेन्नई। तमिलनाडु के सरकारी अस्पताल में जन्म लेने वाली एक लड़की ने डॉक्टरों की लापरवाही के कारण अपनी आखें खो दी। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में सरकार को पीडि़ता को 1.7 करोड़ रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है।

loksabha election banner

जस्टिस जेएस शेखर और एसए बोब्दे की बेंच ने डॉक्टराें को लापरवाही का दोषी पाते हुए अब तक का सबसे ज्यादा 1.7 करोड़ रुपये का मुआवजा देने का तमिलनाडु सरकार को आदेश दिया है, जिसमें उपचार के लिए 42 लाख रुपये की राशि भी शामिल है।

मालूम हो कि पीडि़त लड़की का जन्म समय से पूर्व 30 अगस्त 1986 में हुआ था। इस लड़की को जन्म के बाद 25 दिनों तक आइसीयू के इनक्यूबेटर में रखा गया था। लड़की की अस्पताल से छुट्टी होने के बाद भी डॉक्टर से वह कई बार मिली लेकिन उन्होंने अभिभावक को उसके रेटिनोपैथी फॉर प्रीमेच्योरिटी बीमारी की जांच की सलाह नहीं दी, जो समय से पूर्व जन्मे बच्चों में अक्सर पाई जाती है। जब तक प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टर लड़की की इस बीमारी को पकड़ पाते तब तक देर हो चुकी थी, वह अपनी आंखें खो चुकी थी।

बेंच को इस बात पर काफी हैरानी हुई कि क्यों डॉक्टरों ने लड़की की इतनी जरूरी जांच नहीं करवाई। इसलिए कोर्ट ने लापरवाही का मामाला मानते हुए लड़की का केस लड़ रहे वकील निखिल नायर की दलीलों को सही ठहराते हुए लड़की के हक में फैसला सुनाया। नायर की दलील थी कि सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों की पूरी निगरानी में रहने के बावजूद ये हादसा हुआ जिसके लिए राज्य सरकार जिम्मेदार है।

पढ़ें : साढे तीन करोड़ रुपये मुआवजा दे रेलवे : कोर्ट

पढ़ें : अजन्मे बच्चे को खोने वाले को 13 लाख का मुआवजा


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.