अजन्मे बच्चे को खोने वाले को 13 लाख का मुआवजा
दिल्ली की एक अदालत ने सड़क हादसे में युवा दंपती के अजन्मे बच्चे को खोने के मामले में करीब 13 लाख रुपये के मुआवजे का फैसला सुनाया है। घटना में दंपती को भी गंभीर चोटें आई थीं। अतिरिक्त जिला न्यायाधीश अश्वनी कुमार सरपाल ने बीमा कंपनी को 12 लाख 95
नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने सड़क हादसे में युवा दंपती के अजन्मे बच्चे को खोने के मामले में करीब 13 लाख रुपये के मुआवजे का फैसला सुनाया है। घटना में दंपती को भी गंभीर चोटें आई थीं। अतिरिक्त जिला न्यायाधीश अश्वनी कुमार सरपाल ने बीमा कंपनी को 12 लाख 95 हजार रुपये का मुआवजा चुकाने के निर्देश दिया है।
अदालत ने मामले से संबंधित एफआइआर सहित दस्तावेजों, चिकित्सा जांच रिपोर्ट, चश्मदीदों एवं घटना की शिकार हुई इस दंपती की गवाही पर भरोसा करते हुए पकड़े गए आरोपी आरटीवी वाहन चालक को दोषी पाया। पहले अदालत ने पति एवं पत्नी को क्रमश: छह एवं 13 लाख 89 हजार का मुआवजा घोषित किया गया था, मगर बाद में लालबत्ती पार करने की पीड़ित युवक की लापरवाही को देखते हुए कुछ राशि काट ली गई।
अदालत ने यहां बचे को खोने पर दंपती की ओर से लगाई गई 26 लाख रुपये के मुआवजे की याचिका दिल्ली हाई कोर्ट के एक मामले का हवाला देते हुए खारिज कर दिया। इसमें अजन्मे बचे की मौत पर 25 लाख के मुआवजे की मांग की गई थी और अदालत ने एक लाख की राशि निर्धारित की थी।
याचिका के अनुसार 19 जुलाई 2007 की रात जब वे मोटरसाइकिल पर लॉरेंस रोड से यमुना विहार की ओर जा रहे थे, तभी एक तेज रफ्तार आरटीवी वाहन ने उन्हें लाल बत्ती के पास टक्कर मार दी थी। इस घटना में दंपती बुरी तरह घायल हो गए और सात माह की गर्भवती महिला का गर्भपात हो गया था।
इसके लिए दंपती की ओर से पहले 50 लाख के मुआवजे की मांग की गई और बाद में बचे को खोने पर 26 लाख के मुआवजे की अलग से मांग की गई। वह व्यापारी है। उसका कहना है कि इस घटना के बाद वह 75 प्रतिशत विकलांग हो गया है। उसके दाहिने पैर में चोट थी। सुनवाई के दौरान आरोपी वाहन चालक और बीमा कंपनी ने उस व्यक्ति की लापरवाही की बात कही थी।