डेंगू के खतरे पर सरकार अलर्ट, मनमानी फीस वसूलने वालों लैब्स की खैर नहीं
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने राज्यों को सभी निजी लैब पर नजर रखने को कहा है। उन्होंने अफसरों को खुद अस्पतालों का जायजा लेने का आदेश दिया है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। बारिश के साथ हर साल आने वाले डेंगू के खतरे को ले कर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय पहले से सचेत हो गया है। स्वास्थ्य मंत्री नड्डा ने इस संबंध में तैयारियों का जायजा लेने के लिए शुक्रवार को उच्चस्तरीय बैठक की।
उन्होंने शीर्ष अधिकारियों को अस्पतालों का दौरा कर तैयारियों का जायजा लेने को कहा है। साथ ही राज्यों से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है कि निजी लैब डेंगू जांच की मनमानी फीस नहीं वसूल सकें। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने शुक्रवार को कहा, 'डेंगू को ले कर मंत्रालय राज्यों को अधिकतम सहयोग दे कर इस वर्ष इसके असर को न्यूनतम करने की तैयारी में जुटा हुआ है।'
सरकारी अस्पतालों में डेंगू जांच पर जोर देते हुए कहा कि अब तक 527 अस्पतालों में यह सुविधा मुहैया करवा दी गई है। साथ ही इन्हें 15 शीर्ष प्रयोगशालाओं से जोड़ दिया गया है। इसी तरह मंत्री ने निर्देश दिया है कि केंद्र की ओर से उपलब्ध करवाई जा रही एलीजा आधारित जांच किट्स की कहीं कमी नहीं हो।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अब तक इस पर आठ समीक्षा बैठक हो चुकी है। दो बार वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये राज्यों के साथ बैठक की गई है। इसी तरह राज्यों से अनुरोध किया गया है कि वे खास तौर पर जब डेंगू के ज्यादा मामले सामने आते हैं, उस दौरान निजी लैब पर नजर रखी जाए। जांच के लिए वहां बढ़ी हुई फीस नहीं वसूली जाए। क्योंकि डेंगू बुखार शुरू होने पर बुखार के सामान्य मामलों में भी लोग जांच के लिए पहुंचते हैं।
स्वास्थ्य मंत्री ने लोगों से 'इंडिया फाइट्स डेंगू' मोबाइल ऐप का उपयोग करने की अपील भी की है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने आम लोगों को ध्यान में कर यह ऐप तैयार किया है।
दिल्ली पर बैठक 5-6 को
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिल्ली की स्थिति की समीक्षा के लिए मंगलवार और बुधवार को विशेष तौर पर दिल्ली के स्थानीय निकायों के साथ बैठक बुलाई है। स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि दिल्ली में डेंगू से लड़ने के लिए राज्य की ओर से जो भी सहायता मांगी जाएगी उसे पूरा किया जाएगा। यहां 33 केंद्रों पर जांच की सुविधा उपलब्ध करवाई जा चुकी है और दो शीर्ष प्रयोगशालाएं काम कर रही हैं। अब पांच और छह जुलाई को विभिन्न नगर निगमों के साथ अलग से चर्चा कर स्थिति की जानकारी ली जाएगी।