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अगले हफ्ते उठ सकता है बदायूं हत्याकांड से पर्दा

बहुचर्चित बदायूं हत्याकांड से अगले हफ्ते पर्दा उठ सकता है। हत्याकांड की जांच में सीबीआइ की सहायता के लिए बनाया गया मेडिकल बोर्ड शनिवार को अपनी रिपोर्ट देगा। सीबीआइ को संदेह है कि यह हत्याकांड ऑनर किलिंग का मामला हो सकता है, लेकिन मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट आने से पहले

By Kamal VermaEdited By: Published: Tue, 11 Nov 2014 07:24 PM (IST)Updated: Tue, 11 Nov 2014 11:51 PM (IST)

नई दिल्ली। बहुचर्चित बदायूं हत्याकांड से अगले हफ्ते पर्दा उठ सकता है। हत्याकांड की जांच में सीबीआइ की सहायता के लिए बनाया गया मेडिकल बोर्ड शनिवार को अपनी रिपोर्ट देगा। सीबीआइ को संदेह है कि यह हत्याकांड ऑनर किलिंग का मामला हो सकता है, लेकिन मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट आने से पहले सीबीआइ साफ-साफ कुछ कहने से बच रही है। हालांकि सीबीआइ पहले ही हत्या के लिए आरोपी बनाए गए पांच लोगों को निर्दोष बता चुकी है।

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अभी तक की जांच के अनुसार, इस हत्याकांड में पांचों आरोपी निर्दोष हैं, जिन्हें उप्र पुलिस ने गिरफ्तार किया था। मेडिकल बोर्ड अपनी अंतरिम रिपोर्ट में साफ कर चुका है कि हत्या के पहले लड़कियों के साथ दुष्कर्म नहीं किया गया था और स्थानीय डॉक्टर की पोस्टमार्टम रिपोर्ट सही नहीं है। इससे यह हत्याकांड ऑनर किलिंग की ओर मुड़ गया था। दरअसल, सीबीआइ को इस मामले में दर्ज कराई गई एफआइआर में गड़बड़ी का संदेह पहली बार पांचों आरोपियों की पॉलीग्राफिक टेस्ट की रिपोर्ट आने के बाद हुआ था। रिपोर्ट में पांचों आरोपियों के निर्दोष होने के दावे को सही ठहराया गया था। वहीं, मारी गई लड़कियों के पिता और एकमात्र चश्मदीद गवाह को पॉलीग्राफिक टेस्ट में झूठा बताया गया। इसके आधार पर सीबीआइ ने आरोपियों को निर्दोष बताते हुए उनकी जमानत का रास्ता पहले ही साफ कर दिया था।

जांच के दौरान सीबीआइ को पता चला कि मारी गई दोनों लड़कियों के आरोपी दो लड़कों के साथ संबंध के बारे में गांव में सभी को जानकारी थी। उनके मोबाइल के कॉल रिकॉर्ड से भी दोनों की बातचीत के सुबूत मिले हैं, जबकि लड़कियों के परिजन लगातार इस सच्चाई को छुपाने की कोशिश करते रहे। जांच एजेंसियों को अंधेरे में रखने के लिए परिजनों ने मारी गई लड़की के मोबाइल फोन को नष्ट करने की कोशिश की और जांच अधिकारियों को झूठ बोला कि लड़कियों के पास कोई मोबाइल था ही नहीं। परिजनों ने लड़कियों की चप्पल भी छुपाई, जिसे बाद में बरामद कर फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया।

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