ऑनर किलिंग था बदायूं कांड!
सीबीआई अपनी जांच में इसी निष्कर्ष पर पहुंच रही है। वह पहले ही हत्या के पांचों आरोपियों को निर्दोष बता चुकी है।
नई दिल्ली [नीलू रंजन] । बहुचर्चित बदायूं हत्याकांड ऑनर किलिंग का मामला हो सकता है। सीबीआई अपनी जांच में इसी निष्कर्ष पर पहुंच रही है। वैसे साफ-साफ कुछ भी बोलने के पहले जांच एजेंसी मेडिकल बोर्ड की फाइनल रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। उनका मानना है कि मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट से हत्याकांड से जुड़े सभी कड़ियों को जोड़ना आसान हो जाएगा।
सीबीआई पहले ही हत्या के लिए आरोपी बनाए गए पांच लोगों को निर्दोष बता चुकी है। वहीं मृत लड़कियों के पिता की पोल पॉलिग्राफिक जांच में खुल चुकी है। सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बदायूं हत्याकांड सीधे तौर पर ऑनर किलिंग का मामला लग रहा है, जिसे गांव की स्थानीय राजनीति में बलात्कार और सामूहिक दुष्कर्म का रूप दे दिया गया।
उनके अनुसार हत्याकांड में कई चौंकाने वाली सच्चाई सामने आई है, जिसका जल्द ही खुलासा किया जाएगा। लेकिन इसके लिए सीबीआई फिलहाल मेडिकल बोर्ड की अंतिम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। ध्यान देने की बात है कि मेडिकल बोर्ड पहले ही मारी गई नाबालिग लड़कियों के साथ दुष्कर्म नहीं होने की रिपोर्ट दे चुका है। सीबीआई को इस मामले में दर्ज कराई गई एफआईआर में गड़बड़ी का संदेह पहली बार पांचों आरोपियों की पॉलिग्राफिक टेस्ट की रिपोर्ट आने के बाद हुआ था। रिपोर्ट में पांचों आरोपियों के निर्दोष होने के दावे को सही ठहराया गया था। वहीं मारी गई लड़कियों के पिता और एकमात्र चश्मदीद गवाह को पॉलिग्राफिक टेस्ट में झूठा बताया गया। इसके आधार पर सीबीआई ने आरोपियों को निर्दोष बताते हुए उनकी जमानत का रास्ता साफ कर दिया।
सीबीआई के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मारी गई दोनों लड़कियों के आरोपी दो लड़कों के साथ संबंध के बारे में गांव में लोगों को जानकारी थी। उनके मोबाइल पर दोनों की बातचीत के भी सुबूत मिल चुके हैं। जबकि लड़कियों के परिजन लगातार इस सच्चाई को छुपाने की कोशिश करते रहे। बाद में उन्होंने सीबीआई को बताया कि कुछ स्थानीय नेताओं और रिश्तेदारों के दवाब में उन्होंने पांचों लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर लिखा दी। सच्चाई छुपाने के लिए परिजनों ने मारी गई लड़की के मोबाइल फोन को नष्ट करने की कोशिश की और जांच अधिकारियों को झूठ बोल दिया कि लड़कियों के पास कोई मोबाइल था ही नहीं। इसी के साथ उन्होंने लड़कियों की चप्पल भी छुपाई, जिसे बाद में बरामद कर फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया। सीबीआई का मानना है कि आरोपियों के साथ संबंध के कारण ही लड़कियों की हत्या कर दी गई और बाद में शव को पेड़ पर लटका दिया गया।