बदायूं कांड में फांसी से ही हुई थी किशोरियों की मौत
कथित सामूहिक दुष्कर्म और हत्याकांड की सीबीआइ जांच में एक के बाद एक चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं। डीएनए टेस्ट के बाद जहां यह तथ्य सामने आया है कि दोनों किशोरियों से दुष्कर्म ही नहीं हुआ, वहीं मेडिकल बोर्ड की प्राथमिक रिपोर्ट के अनुसार किशोरियों की मौत फांसी से ही हुई है। इधर, तीन दिन तक
बदायूं [लोकेश प्रताप सिंह]। कथित सामूहिक दुष्कर्म और हत्याकांड की सीबीआइ जांच में एक के बाद एक चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं। डीएनए टेस्ट के बाद जहां यह तथ्य सामने आया है कि दोनों किशोरियों से दुष्कर्म ही नहीं हुआ, वहीं मेडिकल बोर्ड की प्राथमिक रिपोर्ट के अनुसार किशोरियों की मौत फांसी से ही हुई है।
इधर, तीन दिन तक आरोपी एवं पीड़ित पक्ष सहित गांव के करीब दो दर्जन से अधिक लोगों से हुई पूछताछ के बाद भी जो बात सामने आई उससे काफी हद तक इसकी पुष्टि हो रही है। हालांकि सीबीआइ अभी अंतिम निर्णय के लिए मेडिकल बोर्ड की फाइनल रिपोर्ट का इंतजार कर रही है।
कटरा सआदतगंज में दो किशोरियों के साथ कथित सामूहिक दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले की सीबीआइ जांच अब चार्जशीट के बिल्कुल करीब पहुंच गई। सीबीआइ ने सबसे पहले आरोपी व पीड़ित पक्ष का लाइ डिटेक्शन, फोरेंसिक असेसमेंट व फोरेंसिक असेसमेंट एनालिसिस टेस्ट कराए। इसमें दोनों सिपाहियों समेत पांचों आरोपियों की रिपोर्ट पॉजिटिव रही। वे सच का सामना करने में सफल रहे।
इसके विपरीत पीड़ित पक्ष व मुख्य गवाह की रिपोर्ट निगेटिव आई, जिससे स्पष्ट हुआ कि पीड़ित पक्ष व गवाह सही नहीं बोल रहा है। इसी के बाद हैदराबाद लैब से डीएनए रिपोर्ट आने के बाद मेडिकल बोर्ड ने बता दिया कि दोनों किशोरियों से दुष्कर्म ही नहीं हुआ।
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