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    काले कुबेरों में डाबर के बर्मन भी

    By Kamal VermaEdited By:
    Updated: Tue, 28 Oct 2014 06:13 AM (IST)

    विदेशी बैंकों में काला धन रखने वालों से परदा उठने लगा है। सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर तीन और खातों का खुलासा किया। इन तीन खातों में आठ नाम दर्ज हैं। हालांकि इनमें कोई बड़ा राजनेता नहीं है। वैसे इस बात की चर्चा जोरों पर है कि कांग्रेस के कुछ बड़े नेताओं के खिलाफ काले धन को लेकर जांच शुरू हो गई है। इस मामले पर मंगलवार को सुनवाई होगी।

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। विदेशी बैंकों में काला धन रखने वालों से परदा उठने लगा है। सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर तीन और खातों का खुलासा किया। इन तीन खातों में आठ नाम दर्ज हैं। हालांकि इनमें कोई बड़ा राजनेता नहीं है। वैसे इस बात की चर्चा जोरों पर है कि कांग्रेस के कुछ बड़े नेताओं के खिलाफ काले धन को लेकर जांच शुरू हो गई है। इस मामले पर मंगलवार को सुनवाई होगी।

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    सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट को दी गई सूची में सबसे प्रमुख नाम औद्योगिक घराने डाबर के सदस्य प्रदीप बर्मन का है। दूसरा नाम राजकोट के आभूषण व्यापारी पंकज चिमनलाल लोढि़या का और तीसरा नाम गोवा में खनन कारोबार में लगी टिम्बलो कंपनी और उसके पांच निदेशकों का है। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि खाता टिम्बलो कंपनी का है या इसके निदेशकों का।

    सरकार ने बताया है कि प्रदीप बर्मन के खाते की सूचना उन्हें फ्रांस सरकार, जबकि लोढि़या और टिम्बलो की सूचना अन्य देशों से मिली है। इन आठ नए नामों के साथ सरकार ने 18 अन्य नामों की सूची भी सुप्रीम कोर्ट में दी है, जिसे पूर्ववर्ती संप्रग सरकार पहले ही कोर्ट को सौंप चुकी है। सरकार ने कहा है कि काला धन वापस लाने के लिए सभी जरूरी कूटनीतिक व कानूनी तरीके अपनाए जाएंगे।

    इस आधार पर नाम बताए:

    सरकार को फ्रांस व अन्य देशों से जो भी सूचना मिल रही है उसे संधि की शर्तो के मुताबिक सार्वजनिक किया जा सकता है। इसी के तहत इन नामों का खुलासा किया गया है, क्योंकि इन लोगों के खिलाफ अभियोजन शुरू हो चुका है। कुछ और लोगों के खिलाफ भी जांच चल रही है और तय प्रक्रिया के तहत उसे भी सार्वजनिक किया जाएगा।

    संधियों से बंधी है सरकार:

    -सरकार ने संधियों में बंधे होने की मजबूरी जताते हुए सभी खाताधारकों के नाम उजागर करने में असमर्थता जताई है।

    -कर संधि के तहत प्राप्त सूचना का प्रयोग सिर्फ कर उद्देश्यों के लिए ही हो सकता है।

    -अगर किसी मामले में अदालत में शिकायत दाखिल हो या मुकदमा चल रहा हो तो अदालत में नामों का खुलासा किया जा सकता है।

    -विदेश में खाता खोलने वाले हर भारतीय का खाता गैरकानूनी नहीं कहा जा सकता।

    17 के खिलाफ अभियोजन:

    सरकार ने बताया है कि लिचेंस्टाइन के एलजीटी बैंक में 12 खाताधारकों के नाम सरकार को इंडो-जर्मन दोहरे कराधान निषेध संधि के तहत 2009 में प्राप्त हुए थे।

    इन मामलों की जांच पूरी होने पर पता चला कि 18 लोगों ने कानून का उल्लंघन किया है। इसमें से एक की मृत्यु हो गई है और 17 के खिलाफ अभियोजन चल रहा है।

    सुप्रीम कोर्ट से पूर्व के आदेश में फिर बदलाव की गुहार:

    सरकार ने कहा है सुप्रीम कोर्ट ने गत एक मई को आठ अन्य नामों का खुलासा करने का आदेश दिया था, लेकिन सरकार को उनकी जांच में कर चोरी के सुबूत नहीं मिले हैं। सिर्फ इस आधार पर नामों को उजागर नहीं किया जा सकता कि उनके खिलाफ जांच हुई थी।

    सरकार का कहना है कि इन सब पहलुओं को ध्यान में रखते हुए कोर्ट सभी खाताधारकों के नाम सार्वजनिक करने के अपने पूर्व आदेश में बदलाव करे और उसे स्पष्ट करे, ताकि सरकार इस बावत अन्य देशों से होने वाली संधि में इसे साफ कर सके।

    हलफनामे में इस तरह आए ये आठ नाम:

    1. प्रदीप बर्मन: डाबर कंपनी के प्रवर्तक परिवार के सदस्य हैं।

    -1967 में प्रदीप ने कंपनी में ट्रेनी के तौर पर अपने कैरियर की शुरुआत की थी।

    -बाद में कई अहम कारोबारी डिवीजन के मुखिया बने और निदेशक के तौर पर शामिल किए गए।

    -2012 तक वह डाबर इंडिया में निदेशक रहे अभी एक एनजीओ चलाते हैं व ग्रामीण महिलाओं में शिक्षा प्रसार के लिए सक्रिय हैं।

    'जब मेरा खाता खुलवाया गया था, तब मैं एनआरआइ था और इसके लिए कानूनी प्रक्रिया पूरी की गई थी।'

    -प्रदीप बर्मन

    2. पंकज चिमनलाल लोढि़या: इनका संबंध राजकोट के आभूषण परिवार से है।

    -यह अभी श्रीजी समूह की कंपनी चलाते हैं।

    -इसका प्रमुख कारोबार रत्न व आभूषण निर्यात व आयात का है।

    -कंपनी ने रियल एस्टेट और ऑन लाइन मेटल ट्रेडिंग में अपना विस्तार किया है।

    -राजकोट में आधे दर्जन से ज्यादा परियोजनाएं कंपनी चला रही है।

    'मेरा किसी स्विस बैंक में खाता नहीं है और मुझे जानकारी मीडिया से ही मिल रही है। पता नहीं मेरा नाम कैसे आया।'

    -पंकज चिमनलाल लोढि़या

    3-टिम्बलो प्राइवेट लिमिटेड व इस कंपनी के पांच निदेशक

    -(निदेशकों के नाम)-

    -राधा सतीश टिम्बलो : गोवा के लोग टिम्बलो परिवार से भली भांति परिचित हैं।

    -कंपनी होटल व खनन कारोबार से जुड़ी है।

    -यह कंपनी खनन व्यवसाय में गड़बड़ियों की वजह से सुर्खियों मे रह चुकी है।

    - इनके अलावा टिम्बलो परिवार के चेतन एस टिम्बलो, रोहन एस चिम्बलो, अन्ना सी टिम्बलो और मल्लिका आर टिम्बलो के नाम भी सूची में शामिल है।

    'मुझे इस मामले में कुछ नहीं कहना है। सरकार के हलफनामे का अध्ययन करने के बाद ही मैं कुछ कहूंगी।'

    -राधा टिम्बलो

    -चेतन एस. टिम्बलो

    -रोशन एस. टिम्बलो

    -अन्ना सी. टिम्बलो

    -मल्लिका आर. टिम्बलो

    'सरकार की उन लोगों के नाम छिपाने की कोई मंशा नहीं है, जिन्होंने विदेश में काला धन जमा कर रखा है। उन सभी मामलों में विदेश से मिलने वाली सूचना का खुलासा किया जाएगा, जिनमें कर चोरी का मामला बनता है।'

    -केंद्र सरकार का हलफनामा

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