बाहर से आने वाले बागियों को लेकर जल्दबाजी नहीं करेगी भाजपा
भाजपा शीर्ष नेतृत्व ने प्रदेश इकाई को यह स्पष्ट कर दिया है कि बाहर से आने वाले सिर्फ उन्हीं नेताओं को टिकट की गारंटी दें जिनकी जीत तय हो।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। स्वामी प्रसाद मौर्य और आरके चौधरी के बाद एक ओर जहां बसपा को कुछ और झटके लगने की आशंका जताई जा रही है। बागी हुए इन नेताओं की राजनीतिक गतिविधियों पर हर दल की नजरें भी लगी हैं। वहीं भाजपा शीर्ष नेतृत्व ने प्रदेश इकाई को यह स्पष्ट कर दिया है कि बाहर से आने वाले सिर्फ उन्हीं नेताओं को टिकट की गारंटी दें जिनकी जीत तय हो। बाकियों का फैसला वक्त आने पर होगा।
गौरतलब है कि पिछड़े वर्ग के वोट पर हर किसी की नजर है। बसपा को बाय बाय कहने वाले दोनों नेता पिछड़े वर्ग से ही आते हैं और इनकी धमक भी है। बताते हैं कि इन दो नेताओं के बाद अगड़ी जाति के कुछ विधायक भी बागी सुर अपना सकते हैं। जाहिर है कि इनकी दरकार भाजपा, कांग्रेस और सपा को भी है। भाजपा और कांग्रेस में इतनी जगह भी है कि उन नेताओं को संतोषप्रद ढंग से समाहित किया जा सके। लेकिन भाजपा को जल्दबाजी नहीं दिखाना चाहती है।
सूत्र बताते हैं कि बाहर से आने वाले नेताओं को शामिल कराने में भी जल्दबाजी नहीं करने का संदेश है। अगर कुछ नेता भाजपा में आना चाहते हैं तो कोशिश होगी कि उन्हें इकट्ठा शामिल कराया जाए। वहीं उनके साथ आने वाले लोगों को यह संदेश भी होगा कि भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर काम करना सीखें। वह व्यक्ति विशेष की बजाय भाजपा के लिए काम करें तो वक्त आने पर उन्हें भी पुरस्कार मिलेगा।
ध्यान रहे कि खुद भाजपा अध्यक्ष अमित शाह बूथ प्रभारियों की बैठक में भी लगातार सिर्फ कमल के लिए काम करने का निर्देश दे रहे हैं। बाहर से आने वालों पर भी वही फार्मूला लागू होगा।