अच्छे लोग अपनी पार्टी छोड़कर आएं, हम उनका स्वागत करेंगें: केजरीवाल
आम आदमी पार्टी [आप] के संयोजक और विधायक दल के नेता अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि अच्छे लोग अगर अपनी पार्टी छोड़कर आएं तो हम उनका स्वागत करेंगे। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि पूरी पार्टी की राय है कि हम न तो किसी का समर्थन लेंगे और न ही किसी को समर्थन देंगे। वहीं, उन्होंने प्रशांत भूषण के बयान पर टिप्पणी करते हुए कहा कि वह उनका निजी बयान है।
नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी [आप] के संयोजक और विधायक दल के नेता अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि अच्छे लोग अगर अपनी पार्टी छोड़कर आएं तो हम उनका स्वागत करेंगे। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि पूरी पार्टी की राय है कि हम न तो किसी का समर्थन लेंगे और न ही किसी को समर्थन देंगे। वहीं, उन्होंने प्रशांत भूषण के बयान पर टिप्पणी करते हुए कहा कि वह उनका निजी बयान है। इससे पार्टी का कोई सरोकार नहीं है। गौरतलब है कि प्रशांत भूषण ने भाजपा को समर्थन की पेशकश की बात कही थी।
इससे पूर्व आप के नेता प्रशांत भूषण अपने दिए गए बयान से पलट गए। भाजपा को समर्थन की पेशकश वाले बयान पर अब उनका कहना है कि मेरे बयान को गलत ढंग से पेश किया गया है। उन्होंने कहा कि हम न तो समर्थन लेंगे और न ही किसी पार्टी को समर्थन देंगे। इसके पूर्व उन्होंने भाजपा को समर्थन की पेशकश की थी, जिसे पहले उनके ही दल ने और फिर भाजपा ने खारिज कर दिया था। मामला बढ़ता देख प्रशांत भूषण ने भी पलटी मारना ही उचित समझा।
हर्षवर्धन बने विधायक दल के नेता
उधर, दूसरी तरफ आज भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली विधानसभा के लिए डॉ हर्षवर्धन को विधायक दल का नेता चुन लिया है। बैठक में सभी विधायकों सहित पार्टी के नेता विजय गोयल और दिल्ली के प्रभारी नितिन गडकरी भी मौजूद थे।
इससे पहले प्रशांत भूषण के बयान से पल्ला झाड़ते हुए आप ने भी सफाई देते हुए कहा कि उससे उनका कोई लेना देना नहीं है। आप ने उस बयान को प्रशांत भूषण का निजी बयान बताकर खारिज कर दिया। आप ने साफ किया है कि वह इस मुद्दे पर अपने पुराने रुख पर कायम है। वह न किसी से समर्थन लेगी न ही देगी।
वहीं, भाजपा भी अपने रुख पर कायम है। दिल्ली में भाजपा के प्रस्तावित सीएम डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा है कि जिस बाबत प्रशांत भूषण ने बयान दिया है वह पहले से ही उनकी पार्टी के एजेंडे में है। लिहाजा वह भूषण के बयान पर कोई विचार करने के मूड में नहीं हैं।
हर्षवर्धन ने कहा कि भाजपा ने शुरू से ही दिल्ली को भ्रष्टाचार से मुक्त कराने, जनलोकपाल और लोकायुक्त जैसे संवेदनशील मुद्दों को अपने एजेंडे में शामिल किया हुआ है लिहाजा इस पर किसी के कहने से दोबारा विचार नहीं किया जा सकता है। भूषण ने 29 दिसंबर तक जनलोकपाल बिल को पास करवाने की बात दोहराई थी।
दूसरी ओर शिव सेना नेता संजय राउत ने कहा है कि प्रशांत भूषण की राय से वह सहमत नहीं हैं। उन्होंने कहा है कि पहले आप भाजपा को समर्थन देकर सरकार बनवाए। इसके बाद राज्य में काम-काज को सुचारू तरीके से होने दे। उन्होंने साफ कहा कि शर्तो के आधार पर काम नहीं किया जा सकता है।
हार या जीत, दिल्ली में बने राष्ट्रपति शासन के आसार
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शिव सेना और भाजपा के रुख के बाद एक बार फिर से दिल्ली राष्ट्रपति शासन की ओर बढ़ती दिखाई दे रही है। अरविंद केजरीवाल और डॉक्टर हर्षवर्घन दोंनो ने ही विपक्ष में बैठने की बात कही है। अब इस बाबत उपराज्यपाल को फैसला करना है।
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