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    SC में केंद्र सरकार का जवाब, विजय माल्या ने छोड़ा देश

    By Manoj YadavEdited By:
    Updated: Wed, 09 Mar 2016 07:20 PM (IST)

    कर्ज में डूबे उद्योगपति और किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्व अध्यक्ष विजय माल्या भारत छोड़ चुके हैं। अटॉर्नी जनरल ने सीबीआई इनपुट का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट में जानकारी दी है कि विजय माल्या देश छोड़ के जा चुके हैं।

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    नई दिल्ली। कर्ज में डूबे उद्योगपति और किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्व अध्यक्ष विजय माल्या भारत छोड़ चुके हैं। अटॉर्नी जनरल ने सीबीआई इनपुट का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट में जानकारी दी है कि विजय माल्या देश छोड़ के जा चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इस बात की अनुमति दी है माल्या को उनकी आधिकारिक राज्य सभा की ई-मेल और लंदन उच्चायोग तथा उनके वकीलों के माध्यम से नोटिस भेजा जाए।

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    अटॉर्नी जनरल ने कोर्ट को बताया कि विजय माल्या के पास बैंकों के लोन से बहुत ज्यादा की प्रॉपर्टी है। कोर्ट ने पूछा कि माल्या को तब भी कर्ज क्यों दिया गया जब वह डिफाल्टर घोषित हो चुके थे और अदालती कार्रवाई का सामना कर रहे थे।

    इससे पहले आज सुप्रीम कोर्ट में माल्या के देश छोड़ने पर रोक लगाने की मांग संबंधी याचिका पर फैसला आना था। इस बीच मुंबई में किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्व कर्मचारियों ने विजय माल्या के खिलाफ प्रदर्शन किया। कर्मचारियों ने प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप की मांग की है।

    इससे पहले मंगलवार को 17 सरकारी बैंकों के कंसोर्टियम ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इस पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। आपको बता दें कि डियाजियो से 515 करोड़ रुपए की डील के वक्त माल्या ने कहा था कि वे लंदन में बसना चाहते हैं।

    पढ़ेंः कर्मचारियों ने माल्या को लिखा खुला खत, कहा-आपने देश की साख को लगाया बट्टा

    गौरतलब है कि मंगलवार को बैंकों ने कोर्ट से गुहार लगाई थी कि वो माल्या के विदेश जाने पर रोक लगाएं क्योंकि उनपर बैंकों का करीब 9,000 करोड़ बकाया है। बैंकों की तरफ से अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी केस लड़ रहे हैं, जिससे साफ संकेत मिलते हैं कि सरकार माल्या के खिलाफ बैंकों के साथ है।

    इससे पहले विजय माल्या ने पिछले महीने यूनाइटेड स्पीरिट्स के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया था। पद से इस्तीफा देने के बाद एक बयान में माल्या ने कहा था कि वह ब्रिटेन जाकर बसेंगे ताकि वह अपने बच्चों के और करीब रह सकें। इसके बाद बैंकों ने सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला किया।17 बैंकों के कंसोर्टियम ने मंगलवार को तब सुप्रीम कोर्ट का रुख किया जब एक दिन पहले डेब्ट रिकवरी ट्रिब्यूनल (डीआरटी) ने माल्या का पासपोर्ट फ्रीज करने के लिए आंतरिक आदेश देने से इंकार कर दिया। डीआरटी ने माल्या को डियाजिओ से मिलने वाले 515 करोड़ रुपये खर्च नहीं करने का आदेश दिया था। इसके बाद बैंकों ने डीआरटी के सामने माल्या का पासपोर्ट फ्रीज करने की अर्जी लगाई थी।

    यूनाइटेड स्पीरिट्स के चेयरमैन पद से इस्तीफा देने की एवज में ब्रिटेन की कंपनी डियाजिओ माल्या को 515 करोड़ रुपये देगी। यूनाइटेड स्पीरिट्स कंपनी की स्थापना उनके परिवार ने की थी, लेकिन इस पर अब वैश्विक शराब कंपनी डियाजियो का नियंत्रण है। माल्या ने कुछ दिन पहले ही यूबी ग्रुप से रिटायरमेंट के बाद लंदन में सैटल होने की बात कही थी।

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