बदायूं सामूहिक दुष्कर्म: दबंगई व हैवानियत की दास्तां
बदायूं में दो बहनों के साथ सामूहिक दुष्कर्म का मामला दबंगई और हैवानियत की वो काकटेल है, जिस पर सत्ता शक्ति व पुलिसिया बेचारगी का मुलम्मा चढ़ा है। इसका घटनाक्रम भी ऐसा कि बर्बरता के सारे किस्से-कहानियां भी इसके आगे फीके पड़ जाएं। कटरी में लाठी का जोर तो पीढि़यों से चलता रहा है। दो चचेरी बहनों की दुष्कर्म के बाद
लखनऊ। बदायूं में दो बहनों के साथ सामूहिक दुष्कर्म का मामला दबंगई और हैवानियत की दास्तां बयां करती है, जिस पर सत्ता शक्ति व पुलिसिया बेचारगी का मुलम्मा चढ़ा है। इसका घटनाक्रम भी ऐसा कि बर्बरता के सारे किस्से-कहानियां भी इसके आगे फीके पड़ जाएं।
कटरी में लाठी का जोर तो पीढि़यों से चलता रहा है। दो चचेरी बहनों की दुष्कर्म के बाद हत्या और शव को पेड़ से लटकाए जाने की घटना ने पूरे क्षेत्र को हिलाकर रख दिया। अटैना पुल के निकट गंगा की धारा से चंद कदम दूर ही गांव है कटरा सआदातगंज। करीब दस हजार की मिश्रित आबादी वाले इस गांव में मौर्य और यादव बिरादरी की संख्या अच्छी खासी है। यादवों की दबंगई के यहां किस्से भी खूब मशहूर हैं। शिकायत पर ऐसा सबक सिखाया जाता है कि पीढि़यों तक याद रहे। इसी कारण लोग जुल्म सहकर भी जुबान खोलने की हिम्मत कम ही जुटा पाते हैं। यहां सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस चौकी तो खोली गई, किंतु पुलिस स्टाफ भी दबंगों के कारिंदे के रूप में काम करने लगता है। उसका कारण यह भी है कि वीरान कटरी में सिपाही के खाने तक की व्यवस्था यहां के लोग घरों से करते हैं। जिला मुख्यालय से दूरी एवं खराब रास्तों के कारण बड़े अधिकारियों की भी आमदरफ्त कम ही रह पाती है।
अब मंगलवार की काली रात में हुआ कटरा सआदातगंज की घटना पर। जीवनलाल मौर्य और सोहनलाल मौर्य दोनों सगे भाइयों की नाबालिग बेटियां घर से बांध की ओर शौच के लिए गईं। वहां पहले से मौजूद गांव के ही तीन सगे भाई दो और मित्रों के साथ किशोरियों से छेड़छाड़ करने लगे। किशोरियों ने शोर मचाया तो बांध की ओर ही आए किशोरियों के चाचा व भाई बचाव में पहुंचे और दोनों पक्षों में गुत्थम-गुत्था होने लगी। इसी बीच आरोपियों ने फायरिंग शुरू कर दिया और दोनों किशोरियों को खींचकर जंगल की ओर लेकर चले गए। इधर, किशोरियों के चाचा व भाई ने गांव पहुंचकर घटना की सूचना दी तो कुछ लोगों को साथ लेकर पुलिस चौकी पहुंचे। चौकी पर उनकी फरियाद सुनने के बजाय एक सिपाही ने उल्टे उनके साथ ही मारपीट शुरू कर दी। चौकी इंचार्ज ने समझाया कि जाओ एक-दो घंटे बाद लड़कियां घर पहुंच जाएंगी। रात 12 बजे दोबारा गांव वाले चौकी गए, तब भी पुलिस किशोरियों को ढूढ़नें की जहमत नहीं उठाई।
रात्रि के तीसरे प्रहर खुद पुलिस ने ही बताया कि जाकर बाग में देख लो, कहीं किशोरियों ने पेड़ से लटककर आत्महत्या तो नहीं कर ली। गांव वाले बाग में पहुंचे तो पुलिस की बात सच निकली। खास बात तो यह है कि रात्रि से ही पूरी घटना की जानकारी होते हुए भी एसओ उसहैत ने घटनास्थल तक जाने की जरूरत नहीं समझी। सुबह जब वे घटना स्थल के करीब पहुंचे तो वहां हजारों आक्रोशित लोगों के जुटान के बारे में जानकारी मिली, तब तक चौकी का पूरा स्टाफ फरार हो चुका था। वे आगे बढ़ने की हिम्मत नहीं जुटा सके। बाद में पुलिस के आला अधिकारियों के पहुंचने का बाद ही घंटों की मशक्कत के बाद स्थिति नियंत्रण में आ सकी। जिले में पुलिस सिस्टम ही पूरी तरह पंगु सा हो गया है।
पोस्टमार्टम में दुष्कर्म की पुष्टि
दोनों बहनों की पोस्टमार्ट्म रिपोर्ट में दुष्कर्म की पुष्टि हुई है। पोस्टमार्ट्म डॉ अवधेश कुमार, डॉ. राजीव कुमार व डॉ पुष्पा पंत की टीम ने किया था।
कब क्या हुआ
मंगलवार शाम करीब सात बजे- दोनों बहनें घर से खेतों की ओर निकलीं।
रात नौ बजे- इनको दरिंदे खेतों से जंगल की ओर दरिंदे खींचकर ले जा रहे थे।
9:10 बजे - भाई रामबाबू और चाचा बाबूराम बचाने पहुंचे। दुष्कर्मियों की भाई व चाचा के साथ हाथापाई हुई, वह फायर झोंककर लड़कियों को छीन ले गए।
11:00 बजे - परिजन चौकी पर पहुंचे, जहां पुलिस कर्मियों को घटना की जानकारी दी।
रात 3:00 बजे- पुलिस वालों ने बता दिया कि उनकी बेटियों के शव बाग में फंदे पर लटक रहे हैं।
कल सुबह 4: 00 बजे - घटना स्थल पर भीड़ जुटनी शुरू हो गई।
6:00 बजे - एसओ पुलिस के साथ घटना स्थल की ओर रवाना हुए।
8:00 बजे- सीओ उझानी भारी पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे।
9:00 बजे हालात बिगड़े तो प्रभारी एसएसपी भी मौके पर पहुंचे।
10:00 बजे- घटना की जानकारी आईजी और कमिश्नर को दी गई।
10:30 बजे- शाहजहांपुर और बरेली की पुलिस फोर्स भी तैनात कर दी गई।
दिन में 12:00 बजे कई नेता पीड़ितों की मदद को पहुंचे।
4:00 बजे शवों को पेड़ से नीचे उतारा गया।
7:00-10:00 बजे - शवों का पोस्टमार्टम हुआ। देर रात पुलिस ने हत्यारोपी पप्पू को गिरफ्तार किया।
थानाध्यक्ष समेत तीन पुलिसकर्मियों पर दुष्कर्म का मुकदमा
फीरोजाबाद, जागरण संवाददाता। दुष्कर्म के एक और मामले में थानाध्यक्ष समेत तीन पुलिसकर्मी फंसते नजर आ रहे हैं। इनके खिलाफ कोर्ट के आदेश पर रसूलपुर थाने में दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया गया है। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी है।
थाना रसूलपुर क्षेत्र के एक मुकदमे में नामजद एक शख्स की गिरफ्तारी के लिए 11 दिसंबर, 2012 को तत्कालीन थानाध्यक्ष श्रीप्रकाश यादव के नेतृत्व में पुलिस ने उसके घर दबिश दी थी। थाना पुलिस आरोपी की पुत्री, पत्नी और भाई को हिरासत में थाने ले आई। रात में पुलिस ने आरोपी के भाई, पत्नी व अन्य परिजनों को छोड़ दिया, जबकि उसकी 16 वर्षीय पुत्री को थाने में पूछताछ के बहाने रोक लिया। आरोप है रात में कांस्टेबल शीश कुमार और रघुराज सिंह यादव नाबालिग लड़की को कार से थानाध्यक्ष श्रीप्रकाश यादव के आवास पर ले गए, जहां थानाध्यक्ष ने लड़की के साथ दुष्कर्म किया। आरोपी की पत्नी को जब घटना का पता चला तो उसने मुकदमा दर्ज करने के लिए एसीजेएम कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया। बुधवार को न्यायाधीश ने आरोपी थानाध्यक्ष और दोनों सिपाहियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश थानाध्यक्ष रसूलपुर को दिए हैं। थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। आरोपी श्रीप्रकाश यादव मौजूदा समय सिरसागंज के थानाध्यक्ष हैं।