प्रणब दरबार जाएगा आजम व नाईक के बीच का टकराव
उप्र के संसदीय कार्य व अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहम्मद आजम खां ने राज्यपाल राम नाईक के साथ टकराव को राष्ट्रपति के दरबार में ले जाने का निर्णय किया है। बुधवार को संवाददाताओं के साथ बातचीत करते हुए आजम खां ने कहा कि राज्यपाल को खत लिखने में कुछ भी आपत्तिजनक
लखनऊ (राज्य ब्यूरो)। उप्र के संसदीय कार्य व अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहम्मद आजम खां ने राज्यपाल राम नाईक के साथ टकराव को राष्ट्रपति के दरबार में ले जाने का निर्णय किया है। बुधवार को संवाददाताओं के साथ बातचीत करते हुए आजम खां ने कहा कि राज्यपाल को खत लिखने में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं।
अंग्रेजों के शासनकाल में भी गवर्नर को पत्र लिखा जाता था। वह राज्यपाल के खिलाफ साक्ष्य एकत्र कर रहे हैं और राष्ट्रपति से मिलकर उन्हें सभी तथ्यों से अवगत कराएंगे। बहरहाल, आजम खां ने भाजपा विधायक सुरेश राणा को जेड श्रेणी की सुरक्षा दिए जाने पर कहा कि जब गुजरात में कत्लेआम कराने वाला बादशाह बन सकता है तो कुछ भी हो सकता है। आजम खां ने प्रधानमंत्री पर दोहरे एजेंडे का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि एक ओर तो वह स्वयं सभी धर्मो के मानने वालों की सुरक्षा व विकास की बात करते हैं जबकि आरएसएस व भाजपा से जुडे अन्य संगठन घर वापसी व अधिक बच्चे पैदा करने जैसे मुद्दे उठाकर सामाजिक सौहार्द विषाक्त करने में लगे हैं।
आजम बर्खास्त हों, शह दे रहे मुख्यमंत्री
भाजपा ने राज्यपाल राम नाईक से संसदीय कार्यमंत्री आजम खां द्वारा र्दुव्यवहार को मुद्दा बनाकर उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया। बुधवार को न केवल अभिभाषण का बहिष्कार किया वरन मुख्यमंत्री से आजम को बर्खास्त करने की मांग की। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने बुधवार को पत्रकारों से कहा कि आजम का आपत्तिजनक आचरण लोकतांत्रिक परंपरा के लिए चुनौती है। सब कुछ जानकर भी मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का चुप्पी साधे रहना दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे जाहिर है कि मुख्यमंत्री भी आजम खां को आगे करके राजभवन के खिलाफ अभियान को शह दे रहे हैं। वाजपेयी ने कहा कि आजम अपने हितों को साधने और बचाव के लिए राजभवन पर दबाव बनाने की सियासत के माहिर हैं।
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