सदन में गूंजेगा यादव सिंह प्रकरण : वाजपेयी
लखनऊ। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने विधानसभा के बजट सत्र में यादव सिंह प्रकरण पर सपा स
लखनऊ। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने विधानसभा के बजट सत्र में यादव सिंह प्रकरण पर सपा सरकार की बचाव वाली नीतियों का पर्दाफाश करने के साथ ही भ्रष्टाचार विरोधी जारी रखने का ऐलान किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि सपा के प्रमुख नेताओं को बचाने के लिए सरकार सीबीआइ जांच कराने से कन्नी काटती रही है। उन्होंने नीरा यादव से लेकर रमारमण को भी कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि सदन में लोकायुक्त जांच में फंसे मंत्रियों पर भी सरकार की खामोशी को मुद्दा बनाएंगे।
बसपा द्वारा सपा-भाजपा में नूरा कुश्ती का आरोप लगाए जाने के जवाब में वाजपेयी ने कहा कि नेता विरोधी दल होने के बावजूद स्वामी प्रसाद मौर्य लोकायुक्त जांच में फंसे अपने सहयोगियों को बचाने के लिए सरकार के सामने नतमस्तक रहते हैं। मौर्य हिम्मत जुटाकर भ्रष्टाचारियों को सबक सिखाने के लिए आगे आए।
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संपत्ति का ब्यौरा देने में हिचक क्यों
वाजपेयी ने बताया कि वह इस सत्र में मंत्रियों और विधायकों द्वारा संपत्ति ब्यौरा नियमित रूप से देने का प्राइवेट बिल ला रहे हैं। उनका कहना है कि अभी तक यह व्यवस्था स्वैच्छिक है, इसलिए अधिकतर विधायक इसमें रुचि नहीं लेते। चुनाव के वक्त जब संपत्ति का ब्यौरा दे दिया जाता है तो उसे हर वर्ष देने में शिथिलता क्यों है? उन्होंने दो बच्चों का प्राइवेट बिल लाने की चर्चा को खारिज किया।
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बजट में विकास के लिए विशेष पैकेज : अखिलेश
जासं, सीतापुर : मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि बजट सत्र में सरकार अपना पक्ष रखेगी, जनहित में जो भी फैसले किए गए हैं, वे सदन के सामने आएंगे। बजट में प्रदेश के विकास के लिए विशेष पैकेज होंगे। मुख्यमंत्री यहां महोली विधायक अनूप गुप्ता की मां की तेरहवीं में शामिल होने आए थे।
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विपक्ष ने लोकलाज भी छोड़ा : सपा
राब्यू, लखनऊ : राज्यपाल के अभिभाषण के समय सदन में विपक्षी दलों के हंगामे पर समाजवादी पार्टी ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। सपा के प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने कहा है कि विपक्ष के अभद्र आचरण से साफ है कि उन्हें लोकलाज नहीं रह गया है। रचनात्मक भूमिका के स्थान पर विपक्ष लोकतांत्रिकऔर संवैधानिक मर्यादाओं की अनदेखी कर रहा है। चौधरी ने कहा कि पार्टी विद डिफरेंस, संस्कृति और संस्कार का दावा करने वाली भाजपा ने राज्यपाल अभिभाषण का बहिष्कार कर राज्यपाल व संवैधानिक व्यवस्था की अवमानना की है। बसपा, काग्रेस और रालोद ने सदन के अंदर हंगामा कर बेहद खराब आचरण का परिचय दिया है। सदन का अधिवेशन जनहित के लिए होता है। जनता उन्हें सदन में मुददे उठाने के लिए ही चुनकर भेजती है।
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