इराक से 22 भारतीय जार्डन भेजे गए, संकट में कांग्रेस सरकार के साथ
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। आतंकियों से जूझ रहे इराक में अपहृत 40 भारतीय नागरिकों का सुराग मिल गया है। इसी बीच इराक में फंसे 22 भारतीयों को वहां से निकालकर जार्डन भेज दिया गया है। इसकी पुष्टि जमशेदपुर में रहने वाले परिजनों ने की है। परिजनों के अनुसार दो कंपनियों ने अपने यहां कार्यरत विदेशियों का वहां से निकालकर जार्डन पहुंचा दिया है।
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। आतंकियों से जूझ रहे इराक में अपहृत 40 भारतीय नागरिकों का सुराग मिल गया है। इसी बीच इराक में फंसे 22 भारतीयों को वहां से निकालकर जार्डन भेज दिया गया है। इसकी पुष्टि जमशेदपुर में रहने वाले परिजनों ने की है। परिजनों के अनुसार दो कंपनियों ने अपने यहां कार्यरत विदेशियों का वहां से निकालकर जार्डन पहुंचा दिया है।
इससे पहले, दिल्ली पहुंच रहे परेशान परिजनों को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भरोसा दिलाया है कि सरकार कोई कसर नहीं छोड़ रही है। हालांकि, सऊदी अरब और ईरान के बीच बढ़ते तनाव ने इराक में सुन्नी आतंकी जेहादियों व सेना के बीच जारी संघर्ष का संकट बढ़ा दिया है। अगर सऊदी अरब और ईरान के बीच तनाव बढ़ता है तो यह व्यापक स्तर पर शिया-सुन्नी टकराव का बिंदु बन सकता है। इसी बीच कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री को पत्र लिख कर पूछा है कि इराक में फंसे भारतीयों की स्वदेश वापसी कब तक होगी साथ ही उन्होंने लिखा हे कि संकट की इस घड़ी में कांग्रेस सरकार के साथ है।
इराक में फंसे भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी की कवायदों के बीच विदेश मंत्रालय ने इराकी विदेश मंत्रालय से मिली जानकारी का हवाला देते हुए बताया कि उस जगह का पता लग गया है, जहां 40 भारतीयों को अगवा कर रखा गया है। सूचना के मुताबिक भारतीय नागरिकों को कई अन्य देशों के नागरिकों के साथ रखा गया है। बताया जा रहा है कि सभी 40 भारतीय सुरक्षित हैं। हालांकि सुरक्षा कारणों से यह जाहिर नहीं किया जा रहा कि वे कहां हैं।
सुषमा स्वराज ने पंजाब से आए अपहृत भारतीयों के परिजनों को भरोसा दिलाया कि सरकार उनकी सुरक्षित वापसी के लिए हर कोशिश कर रही है। परिजनों के साथ पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल भी विदेश मंत्री से मिलने पहुंचे थे। इराक के तेल बहुल इलाके मोसुल में अपहृत 40 भारतीय नागरिकों में अधिकतर पंजाब से हैं। पंजाब के अलावा हरियाणा, उत्तर प्रदेश से लेकर आंध्र प्रदेश, तेलंगाना व केरल के लोग भी इराक में फंसे हैं।
भारतीय नागरिकों को इराक से निकालने की कोशिशों पर विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि पासपोर्ट या यात्रा दस्तावेज संबंधी कोई अड़चन उनकी वापसी में पेश नहीं आने दी जाएगी। विदेश मंत्रालय ने बगदाद भेजे गए विशेष दूत सुरेश रेड्डी के साथ अतिरिक्त खाली पासपोर्ट भी भिजवाएं हैं। विदेश मंत्रालय बगदाद से हवाई जहाज के रास्ते भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकालने की योजना भी तैयार कर चुका है।
विदेश मंत्री से मुलाकात के बाद अमृतसर से आए कश्मीर सिंह ने बताया कि सरकार हर उपाय कर रही है। उनके दामाद इराक में फंसे हुए हैं। इस बीच विदेश मंत्रालय में इराक हालात पर बने कंट्रोल रूम में परिजनों की खैरियत व मदद के लिए देश-विदेश से 130 से अधिक फोन कॉल दर्ज किए जा चुके हैं। कंट्रोल रूम में 15 से अधिक फोन कॉल इराक से बाहर निकलने में मदद चाहने वाले लोगों के भी हैं।
इराक में शिया-सुन्नी संघर्ष बन चुकी लड़ाई में ईरान और सऊदी अरब के बीच खिंची तलवारों ने संकट बढ़ा दिया है। सऊदी अरब ने इराक में सेना से लड़ रहे सुन्नी आतंकी संगठन आइएसआइएस के खिलाफ लड़ाई से ईरान को दूर रहने की हिदायत दी है। साथ ही तेहरान की ओर से सऊदी पर आइएसआइएस को मदद देने के आरोपों को भी सिरे से खारिज किया है।
अगर इराक को लेकर सऊदी अरब और ईरान के बीच टकराव बढ़ता है, तो यह बड़े पैमाने पर शिया-सुन्नी संघर्ष के बीज डाल सकता है। ऐसे में भारत की चिंताएं भी बढ़ सकती हैं, क्योंकि देश में बड़ी संख्या में शिया-सुन्नी आबादी है। वजूद के संकट से जूझ रही इराक सरकार अमेरिका को सुन्नी लड़ाकों के खिलाफ हवाई हमलों के लिए पुकार चुकी है।
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