स्कूली छात्रों के लिए जरूरी खबर, सरकार कर सकती है ये बदलाव
स्कूलों में आठवीं कक्षा तक छात्रों को फेल नहीं करने की नीति में जल्दी ही बदलाव आ सकता है। नई शिक्षा नीति तैयार करने के लिए राज्य सरकारों के साथ बुलाई गई बैठक में भी इसकी मांग उठने के बाद इस बात की संभावना बहुत बढ़ गई है। इससे पहले
नई दिल्ली (जागरण ब्यूरो)। स्कूलों में आठवीं कक्षा तक छात्रों को फेल नहीं करने की नीति में जल्दी ही बदलाव आ सकता है। नई शिक्षा नीति तैयार करने के लिए राज्य सरकारों के साथ बुलाई गई बैठक में भी इसकी मांग उठने के बाद इस बात की संभावना बहुत बढ़ गई है। इससे पहले केंद्रीय मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्री स्मृति ईरानी भी इस बदलाव का संकेत दे चुकी हैं।
नई शिक्षा नीति की तैयारी में राज्यों के शिक्षा मंत्रियों और सचिवों के साथ बुलाई गई एचआरडी मंत्रालय की बैठक में स्कूली शिक्षा के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा हुई। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक के दौरान राज्यों ने इस बात पर भी जोर दिया कि स्कूलों में आठवीं तक छात्रों को फेल नहीं करने की नीति में बदलाव जरूरी है। पिछली सरकार ने शिक्षा का अधिकार कानून लागू करते हुए यह नियम बनाया था। इसके पीछे तर्क दिया गया था कि छोटे बच्चों पर परीक्षा का अनावश्यक दबाव नहीं बनाया जाना चाहिए। मगर माना जा रहा है कि यह नियम लागू होने के बाद से स्कूली शिक्षा के स्तर में काफी गिरावट आई है।
बैठक के दौरान मध्य प्रदेश के शिक्षा मंत्री पारस चंद्र जैन ने इस व्यवस्था पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘ऐसी स्थिति पैदा हो गई है कि छात्र आठवीं तक फेल नहीं होता और उसके बाद पास नहीं हो पाता।’ इसी तरह राजस्थान, छत्तीसगढ़ और असम के प्रतिनिधियों ने भी इस व्यवस्था में सुधार की जरूरत बताई है। हालांकि, अभी प्रक्रिया जारी होने की वजह से केंद्र सरकार साफ तौर पर कुछ नहीं करना चाहती। इस बारे में पूछे जाने पर स्कूली शिक्षा सचिव वृंदा स्वरूप ने कहा कि सभी चाहते हैं कि स्कूली शिक्षा का स्तर बेहतर हो। यह बैठक एक बृहद संवाद का हिस्सा है और इस पर अभी और विचार किया जाना है। ईरानी ने भरोसा दिलाया है कि नई शिक्षा नीति को अंतिम रूप देने में राज्य सरकारों को पूरी तरह शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस नीति में आम लोगों के सुझाव और विचार को शामिल करने के लिए हर दूसरे-तीसरे गांव में एक बैठक आयोजित की जाएगी। इस तरह आने वाले दिनों में ऐसी ढाई लाख बैठकें आयोजित होंगी। इसके बाद ब्लॉक, जिला और राज्य के स्तर पर हजारों बैठकें कर उनके सुझावों को एकत्रित कर इसमें शामिल किया जाएगा।
पढ़ेंः बिहार में नकल का गजब हाल, एक पकड़ा गया तो बाकी 66 ने परीक्षा छोड़ लगाई दौड़
पढ़ेंः गिरफ्तार शिक्षकों का खुलासा, डीएवी में छात्रों को फेल-पास करने का चल रहा बड़ा खेल