'मेरे सामने 39 भारतीयों को लाइन में खड़ा कर गोली मार दी गई'
इराक में आइएस आतंकियों के कैद से लौटा भारतीय हरजीत मसीह ने जो आपबीती सुनाई है वह रोंगटे खड़े करने वाली है। उसके मुताबिक आइएस आतंकियों ने 40 भारतीयों को अगवा कर एक बिल्डिंग में ले गए।
चंडीगढ़ । इराक में आइएस आतंकियों के कैद से लौटा भारतीय हरजीत मसीह ने जो आपबीती सुनाई है वह रोंगटे खड़े करने वाली है। उसके मुताबिक आइएस आतंकियों ने 40 भारतीयों को अगवा कर एक बिल्डिंग में ले गए। इसके बाद सभी 39 भारतीयों को एक पहाड़ी पर ले जाकर लाइन में खड़ाकर गोली मार दी गई। मसीह ने बताया कि उसने अपनी जान बचाने के लिए अपनेआप को बांग्लादेशी कामगार बताया।
इराक से लौटे मसीह ने कहा कि हम करीब 40 भारतीय और 50 बांग्लादेशी थे। मसीह को इराक के इरबिल शहर से 40 भारतीयों के साथ अगवा किया गया था। गौरतलब है कि भारत सरकार को जानकारी थी कि 40 लोग बंधक हैं। यह मामला संसद में भी उठा था। मसीह के मुताबिक उसकी आंखों के सामने 39 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उसने बताया कि वह उनमे अकेला जीवित भारतीय है जो उनकी कैद से बचकर वापस आया है।
मसीह के बयान पर असहमति जाहिर करते हुए कहा कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि हमारे पास 8 सूत्रों से जानकारी मिली है। इसके मुताबिक इराक में फंसे हुए भारतीय जिन्दा हैं। सुषमा ने कहा कि मुझे मसीह के बयान पर विश्वास नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि वहां फंसे सभी भारतीय परिवार से मेरी बात हुई है। विदेश मंत्री ने कहा कि इराक में जो भी भारतीय फंसे हैं हम उनकी लगातार खोज कर रहे हैं। इस मामले में कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इस मसले पर सरकार स्थिति स्पष्ट करे।
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