किसानों पर कहर बनकर टूट रही है बेमौसम बरसात, 15 की मौत
मार्च के महीने में जारी बेमौसम बरसात ने किसानों की कमर तोड़ कर रख दी है। अपनी फसलों के बाजार भाव से परेशान किसानों पर यह बारिश दोहरी कहर बनकर टूट रही है। बरसात के कारण अभी तक उत्तर प्रदेश में 12, मध्य प्रदेश में 1, बंगाल में 1 और
नई दिल्ली। मार्च के महीने में जारी बेमौसम बरसात ने किसानों की कमर तोड़ कर रख दी है। अपनी फसलों के बाजार भाव से परेशान किसानों पर यह बारिश दोहरी कहर बनकर टूट रही है। बरसात के कारण अभी तक उत्तर प्रदेश में 12, मध्य प्रदेश में 1, बंगाल में 1 और हरियाणा में 1 किसान की मौत सदमे से आत्महत्या करने के कारण हो चुकी है।
तेज हवाओं के साथ हो रही बारिश के कारण पिछले तीन-चार दिनों में 50 लाख हेक्येटर क्षेत्र की फसल तबाह हो चुकी है। कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने सोमवार को कहा कि राज्य सरकारों को जल्द से जल्द किसानों की मदद करनी चाहिए।
राज्यसभा में जारी बहस के दौरान कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों की मदद करने के लिए राज्य सरकारों के पास पर्याप्त फंड है, इसके अलावा केंद्र सरकार भी उन्हें मदद मुहैया कराएगी। बेमौसम बारिश से सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना,राजस्थान और पश्चिम बंगाल के किसान प्रभावित हुए हैं।
कृषि मंत्री ने कहा कि शुरुआती जानकारी के आधार पर रबी की कुल फसल के 8 फीसदी हिस्से को नुकसान पहुंचा है। अभी तक उत्तर प्रदेश में 27 लाख हेक्टेयर, राजस्थान में 14 लाख हेक्टेयर, महाराष्ट्र में 7.5 लाख हेक्टेयर, पश्चिम बंगाल में 49 हजार हेक्टेयर और पंजाब में 6 हजार हेक्टेयर क्षेत्र की फसल तबाह हो गई है।
पश्विमि विक्षोभ के एक बार फिर सक्रिय हो जाने से रविवार को उत्तर भारत के पर्वतीय राज्यों बर्फबारी और मैदानी इलाकों में बेमौसम बारिश हुई। बारिश से सर्वाधिक प्रभावित जम्मू-कश्मीर हुआ। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों में और बारिश होने की आशंका जाहिर की है।
मौसम विभाग के मुताबिक अभी और होगी बारिश
इस बीच भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने आज कहा कि यह मार्च पिछले 100 साल में सबसे ज्यादा बारिश वाला मार्च का महीना रहा। इसके साथ ही मौसम विभाग ने अगले दो हफ्तों में और बारिश होने की संभावना व्यक्त की है। फिलहाल उत्तर भारत में गेहूं कटाई का सीजन चल रहा है। लेकिन बारिश के कारण इन फसलों के सड़ने का खतरा पैदा हो गया है।
आईएमडी के महानिदेशक एलएस राठौड ने कहा कि बारिश की वजह से देश के कई हिस्सों में सामान्य फसलों और सब्जियों के साथ ही बागवानी वाली फसलों को भी भारी नुकसान हुआ।
उन्होंने कहा कि मुसीबत अभी खत्म नहीं हुई है। हालांकि हम सब जानते हैं कि मार्च में काफी बारिश हुई। उन्होंने कहा कि 1915 के बाद से ही यह सबसे ज्यादा बारिश वाला मार्च रहा, खासकर उत्तर भारत में। इसके साथ ही उन्होंने अगले दो हफ्तों के दौरान भी बारिश होने की संभावना व्यक्त की।
वित्तमंत्री ने कहा मुआवजा बढ़ाने के लिए राज्यों से मिलकर करेंगे काम
इस बीच वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों के लिए मुआवजे की सीमा बढ़ाने की खातिर केंद्र राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम करेगा। खराब मौसम के कारण देश के 14 राज्यों में 106.73 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में रबी की फसल को नुकसान हुआ है।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में छाएं है बादल
देश की राजधानी नई दिल्ली तथा उससे सटे इलाकों में रविवार को दिन भर बादल छाए रहे। कुछ इलाकों में तेज बारिश भी हुई और सोमवार सुबह भी बादल छाए रहे। नई दिल्ली में अधिकतम तापमान 30.1 डिग्री और न्यूनतम तापमान 20.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है।
उत्तर प्रदेश में किसान कर रहे हैं खुदकुशी
उत्तर प्रदेश में बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि से चौपट हुई फसलों व बैंकों के कर्ज के कारण किसानों की मौतों का सिलसिला थम नहीं रहा है। पिछले चौबीस घंटों के दौरान विभिन्न जिलों के 12 और किसानों ने दम तोड़ दिया। इसी बीच पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में दोपहर बाद कहीं बूंदाबांदी, तो कहीं तेज बारिश ने किसानों की बची-खुची उम्मीदों पर भी पानी फेर दिया है। मध्य प्रदेश के दमोह जिले के जबेरा विकासखंड के मनगुवांघाट निवासी किसान रूपचंद्र लोधी ने फसल खराब होने के सदमे में रविवार सुबह अमरूद के पेड़ से लटक कर फांसी लगा ली।
आकाश पर छाए काले बादलों की गड़गड़ाहट के साथ तेज हवा का रूख किसानों की चिंता का सबब बन गया है। इस बावत ददूरी के किसान सरदार दर्शन सिंह ने कहा कि एक माह पहले बेमौसम बरसात से तीस फीसदी गेंहू की फसल नष्ट हो चुकी थी। आज फिर मौसम का रूख आक्रमकदिखाई दे रहा है। तेज हवा के साथ बादलों की गड़गड़ाहट व बरसात में ओले की संभावना बनी रहती है। वहीं खखरा गाव के शमशाद खा ने कहा कि अब बरसात होने पर खेतों में बची गेंहू की फसल को काफी नुकसान होगा।
उत्तराखंड में बारिश और बर्फवारी
उत्तराखंड में भी मौसम ने करवट बदली है। रविवार को चारधाम समेत कई चोटियां बर्फ से ढक गई। साथ ही राज्य के लगभग सभी इलाकों में हल्की बारिश का सिलसिला दिनभर ही चलता रहा। कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि भी हुई, जिससे गेहूं की फसल को क्षति पहुंची है।
टिहरी जिले में चाका के निकट मैलार गांव में घंटाकर्ण मंदिर के ऊपर आकाशीय बिजली गिरने से मंदिर का गुबंद क्षतिग्रस्त हो गया, जबकि एक मकान में दरारें पड़ गईं। सोमवार को भी चमोली, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग व पिथौरागढ़ जनपदों में कुछ जगह हल्की से मध्यम वर्षा और बर्फबारी की आशंका जताई गई है।
हरियाणा के किसानों की हालत खराब
विगत दिनों पश्चिमी विक्षोभ के चलते हरियाणा में हुई बरसात और ओलावृष्टि की मार से किसानों की हालत खराब हो गई हैं। रविवार को प्रदेश में कई स्थानों पर बूंदाबांदी और तेज हवा चलने से किसान सहमे नजर आए।
आसमानी बिजली गिरने से हथीन में एक किसान और फरीदाबाद में पार्क में खेल रहे एक बच्चे की मौत हो गई।
बंगाल में आलू की बंपर फसल के कारण उपज का उचित मूल्य नहीं मिलने से कर्ज के बोझ तले दबे एक किसान ने खुदकुशी कर ली। इसके साथ ही राज्य में इस साल खुदकुशी करनेवाले किसानों की संख्या 10 हो गई।
महाराष्ट्र में बारिश से 1000 करोड़ रुपये की फसल तबाह
महाराष्ट्र मे पिछले दो दिनों से जारी बरसात से 50,000 हेक्टेयर से ज्यादा खेतों में लगे रबी की फसल, आम की फसल और अन्य फसलों को नुकसान पहुंचा है। शुरुआती अनुमानों के मुताबिक सबसे ज्यादा नुकसान उत्तरी महाराष्ट्र और विदर्भ के क्षेत्रों में हुआ है। अनुमान के मुताबिक बारिश से लगभग 1000 करोड़ रुपये के फसल का नुकसान हुआ है। इससे पहले वहां सूखे के कारण लगभग 24,000 गांवों के किसानों की खरीफ की फसल बरबाद हो चुकी है।
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