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    क्या आपने ये 'जुगाड़' देखा? ये है मुंबई के छात्रों का आविष्कार

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    Updated: Wed, 29 Jan 2014 11:11 AM (IST)

    भारत का एक पास वो चीज है जो पूरी दुनिया में किसी के पास नहीं है। ये ऐसी चीज है जिससे हम काम हो सकता है। हम इसका इस्तेमाल रोजाना करते ही हैं। इस चीज का नाम है जुगाड़। जी हां, आप बिल्कुल सही पढ़ रहे हैं। यह शब्द सुनकर आप भी जुगाड़ के बार तो जरूर सोचेंगे। वैसे यहां हम उस जुगाड़ के बारे में बात क

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    नई दिल्ली। भारत के पास वो चीज है जो पूरी दुनिया में किसी के पास नहीं है। ये ऐसी चीज है जिससे हर काम हो सकता है। हम इसका इस्तेमाल रोजाना करते ही हैं। इस चीज का नाम है जुगाड़। जी हां, आप बिल्कुल सही पढ़ रहे हैं। वैसे यहां हम उस जुगाड़ के बारे में बात कर रहे हैं जिसे मुंबई के कुछ छात्रों ने तैयार किया है।

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    मुंबई के केजे सोमैय्या इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों के एक दल ने ऐसी प्रोटोटाईप कार का निर्माण किया है जो कि 300 किलोमीटर प्रतिलीटर का माइलेज देगी। छात्रों के इस दल ने अपनी इस बेहद ही शानदार अविष्कार को 'जुगाड़' का नाम दिया है। यह शब्द जुगाड़ देश में काफी विख्यात रहा है ऐसा कोई भी कार्य जो कि मुश्किल हो और उसे आसानी से संभव कर दिया जाए ऐसे कार्य को जुगाड़ कहा जाता रहा है। शायद इसी से प्रेरणा पाकर इन छात्रों ने इस कार को भी जुगाड़ का नाम दिया है। इस कार को कुआलालम्पुर में आयोजित शेल इको मैराथन कार रेस में भी प्रदर्शित किया गया।

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    आपको बता दें कि इस रेस का आयोजन स्पांग इंटरनेशनल फार्मूला वन सर्किट में किया गया जहां यह भारतीय जुगाड़ भी पेश किया गया। इसने अपने समकक्ष कारों को कड़ी टक्कर भी दी। इस कार का निर्माण मुख्य रूप से फाइबर ग्लॉस से किया गया है, जिसके कारण इस कार का वजन महज 60 किलोग्राम है। इस कार में छात्रों ने कुल तीन पहियों का ही इस्तेमाल किया है।

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    इस कार में फ्यूल इंजेक्शन इंजन का प्रयोग किया गया है। कम वजन, संतुलित आकार के कारण यह कार ज्यादा से ज्यादा माइलेज प्रदान करती है। आपको बता दें कि इस कार के निर्माण में लगभग 4 लाख रुपये का खर्च हुआ है। जिसमें से यामहा और ओम फ्रेट ने लगभग 1.5 लाख रुपये की फंडिंग की है।

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