अर्थव्यवस्था की धीमी रफ्तार को पलटना होगा: जेटली
सरकार की पहली प्राथमिकता अर्थव्यवस्था की धीमी हो रही रफ्तार को रोकना और निवेश के प्रति सकारात्मक माहौल बनाना है। बीते सात महीनों में सरकार ने आर्थिक सुधारों की दिशा में कई कदम उठाए हैं। अभी ऐसे कई कदम उठाए जाने बाकी हैं। अगले कुछ महीनों में काले धन पर
नई दिल्ली। सरकार की पहली प्राथमिकता अर्थव्यवस्था की धीमी हो रही रफ्तार को रोकना और निवेश के प्रति सकारात्मक माहौल बनाना है। बीते सात महीनों में सरकार ने आर्थिक सुधारों की दिशा में कई कदम उठाए हैं। अभी ऐसे कई कदम उठाए जाने बाकी हैं। अगले कुछ महीनों में काले धन पर सरकार की मुहिम तेज होगी। अपने जन्मदिन के मौके पर फेसबुक पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने ये बातें कहीं।
जेटली ने कहा कि सेवा क्षेत्र अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। कई क्षेत्रों में अभी नकदी का प्रवाह बढ़ाया जाना जरूरी है। बाजार में नकदी के प्रवाह को प्रोत्साहित किया जाएगा। जेटली ने सिंचाई परियोजनाओं में भी निवेश बढ़ाने की जरूरत पर जोर दिया है। वित्त मंत्री के मुताबिक मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र की धीमी रफ्तार को पलटना होगा।
उन्होंने कहा है कि सरकार ऐसे सुधार और बदलावों पर ध्यान केंद्रित कर रही है जिससे मैन्यूफैक्चरिंग की रफ्तार को बढ़ाया जा सके। सोमवार को ही जेटली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ मेक इन इंडिया पर होने जारी रही एक कार्यशाला को संबोधित करेंगे।
वित्त मंत्री ने काले धन और इसकी वजह से चल रही समानांतर अर्थव्यवस्था को देश की अर्थव्यवस्था के लिए खतरनाक बताया है। उनके मुताबिक इसे समाप्त करना ही होगा। काले धन की समस्या को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए सरकार ध्यान केंद्रित करेगी। इसके तहत घरेलू और विदेश में जमा काले धन को अर्थव्यवस्था की मुख्य धारा में लाने पर जोर दिया जाएगा। वित्त मंत्री का कहना है कि यदि सरकार इसमें सफल हो जाती है तो यह राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के विकास में अतिरिक्त संसाधन के तौर पर इस्तेमाल हो सकेगा।
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