सहयोगी बैंकों के साथ विलय की विस्तृत योजना सरकार को जल्द भेजेगा एसबीआइ
भारतीय स्टेट बैंक विलय प्रस्ताव का ब्योरा तैयार कर जल्दी ही केंद्र सरकार को भेजेगा।
नई दिल्ली (प्रेट्र)। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआइ) अपने सहयोगी बैंकों के खुद में विलय प्रस्ताव का ब्योरा तैयार कर रहा है। इस विस्तृत विलय योजना को जल्द ही मंजूरी के लिए केंद्र सरकार को सौंपा जाएगा। सहयोगी बैंकों के स्टेट बैंक में विलय का काम अगले नौ माह में पूरा किया जाना है।
कैबिनेट ने इसी महीने की शुरुआत में एसबीआइ के पांच सहयोगी बैंकों और भारतीय महिला बैंक के विलय को सैद्धांतिक तौर पर मंजूरी दे दी थी। सहयोगी बैंकों के विलय के बाद एसबीआइ एशिया के सबसे बड़े बैंकों में से एक होगा।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि मंत्रिमंडल से मंजूरी मिलने के बाद एसबीआइ ने इन छह बैंकों से बातचीत की प्रक्रिया शुरू कर दी है। विलय योजना जैसे ही तैयार होती है, उसे एसबीआइ कानून 1955 की धारा 35 के तहत अंतिम मंजूरी के लिए सरकार को सौंप दिया जाएगा।
बैंक की एक टीम इस पर काम कर रही है। विलय की पूरी प्रक्रिया इस वित्त वर्ष में पूरी हो जाएगी। विलय के बाद एसबीआइ दुनिया के बड़े बैंकों से प्रतिस्पर्धा कर सकेगा। उसका संपत्ति आधार 37 लाख करोड़ रुपये (555 अरब डॉलर) से अधिक होगा।
एसबीआइ के पांच सहयोगियों में स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर और स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद शामिल हैं। इनमें से स्टेट बैंक ऑफ पटियाला और स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद सूचीबद्ध नहीं हैं। एसबीआइ में सबसे पहले स्टेट बैंक ऑफ सौराष्ट्र का 2008 में विलय हुआ। दो साल बाद स्टेट बैंक ऑफ इंदौर भी एसबीआइ में मिल गया।