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सेंसेक्स में 400 अंकों से ज्यादा की तेजी के ये हैं चार बड़े कारण, जानिए

शेयर बाजार में तेजी के पीछे 4 मुख्य वजह हैं, जानिए

By Surbhi JainEdited By: Published: Fri, 25 Nov 2016 05:10 PM (IST)Updated: Fri, 25 Nov 2016 05:15 PM (IST)

नई दिल्ली: शुक्रवार के कारोबारी सत्र में सेंसेक्स 450 अंक से ज्यादा और निफ्टी करीब 150 अंक चढ़कर बंद हुआ है। बाजार की इस तेजी में इंफोसिस, टीसीएस, आईटीसी, सनफार्मा और एचडीएफसी के शेयर्स में तेजी देखने को मिली। दिन के कारोबार में निफ्टी ने अपना 8000 का अहम स्तर छुआ। निफ्टी में शुमार दिग्गज शेयर्स में आईटी, रियल्टी, पावर, ऑयल एंड गैस, मेटल और बैंकिंग स्टॉक्स में बढ़त हुई।

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आज की बाजार की इस तेजी के पीछे 4 मुख्य वजह हैं-
रुपए में दिखी मजबूती:
शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 26 पैसे चढ़कर 68.47 के स्तर पर बंद हुआ है। दिन के कारोबार में रुपया 29 पैसे की मजबूती के साथ 68.44 के स्तर पर कारोबार कर रहा था। गुरुवार के सत्र में डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया 17 पैसे गिरकर 68.73 के स्तर पर बंद हुआ था।
हालांकि कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में रुपया डॉलर के मुकाबले 70 का स्तर छू सकता है।

निफ्टी ने मनोवैज्ञानिक स्तर को पार किया:
शुक्रवार को निफ्टी 148.80 अंकों की तेजी के साथ 8114.30 के स्तर पर बंद हुआ है। कारोबार में सबसे ज्यादा खरीदारी आईटी से शेयर्स में दिखी। वहीं बीते गुरुवार के कारोबारी सत्र में निफ्टी ने 8000 का अहम स्तर (मनोवैज्ञानिक स्तर) तोड़ दिया था।

आईटी, फार्मा के स्टॉक्स रहे टॉप गेनर्स:
कारोबार में सबसे ज्यादा तेजी आईटी (4.58 फीसदी) और फार्मा (2.85 फीसदी) सेक्टर में हुई है। आईटी के टेकएम (5.92 फीसदी) और टीसीएस (5.03 फीसदी); फार्मा की सनफार्मा (4.38 फीसदी) रहे टॉप गेनर्स की सूची में।

भारत की जीडीपी ग्रोथ पर फिच की प्रतिक्रिया:
फिच ने भारत के बैंकिंग सेक्टर पर निगेटिव आउटलुक को बरकरार रखा है और जीडीपी ग्रोथ अनुमान घटाने के संकेत दिए हैं। फिच ने भारत के बैंकिंग सेक्टर की नेगेटिव आउटलुक की पुष्टि करते हुए कहा कि जब तक बैंकिंग सेक्टर में नकदी नहीं पहुंचाई जाएगी स्थिति नाजुक की नाजुक ही बनी रहेगी और केंद्र सरकार की ओर से लिए गए नोटबंदी के फैसले का मिलाजुला असर देखने को मिल सकता है। फिच ने बताया कि 500 और 1000 रुपए के बड़े नोट बैन किए जाने के फैसले से जमा में इजाफा होगा, जो लेंडर्स को लैंडिंग रेट में कटौती का मौका देगा।
एजेंसी ने इससे पहले अनुमान लगाया था कि भारतीय बैंकों को ग्लोबल बेसिल III के बैंकिंग मानकों को पूरा करने के लिए मार्च 2019 तक 90 अरब डॉलर की कुल पूंजी की जरूरत होगी।


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