Move to Jagran APP

डाउन पेमेंट वाली स्कीमों को नहीं मिलेगा होम लोन

रीयल एस्टेट कंपनियों को पहले से ही कर्ज मिलने में दिक्कत हो रही है, अब रिजर्व बैंक के नए नियम से उनकी मुश्किल और बढ़नी तय है। रिजर्व बैंक [आरबीआइ] ने मंगलवार को बैंकों को साफ तौर पर निर्देश दिया है कि वे रीयल एस्टेट परियोजनाओं की प्रगति को देखकर ही चरणबद्ध तरीके से होम लोन की राशि वितरित करें। हाल के दिनों म

By Edited By: Published: Tue, 03 Sep 2013 10:42 PM (IST)Updated: Mon, 30 Mar 2015 06:40 PM (IST)

नई दिल्ली, [जाब्यू]। रीयल एस्टेट कंपनियों को पहले से ही कर्ज मिलने में दिक्कत हो रही है, अब रिजर्व बैंक के नए नियम से उनकी मुश्किल और बढ़नी तय है। रिजर्व बैंक [आरबीआइ] ने मंगलवार को बैंकों को साफ तौर पर निर्देश दिया है कि वे रीयल एस्टेट परियोजनाओं की प्रगति को देखकर ही चरणबद्ध तरीके से होम लोन की राशि वितरित करें। हाल के दिनों में कई रीयल एस्टेट कंपनियों ने इस तरह की स्कीमें निकाली हैं जिसमें ग्राहकों से एक बड़ी राशि निर्माण कार्य शुरू होने से पहले ही वसूल ली जाती है। आरबीआइ के ताजा निर्देश के बाद डाउन पेमेंट वाली इस तरह की स्कीमें बंद हो सकती हैं।

loksabha election banner

पढ़े : बैंकों को चूना लगाने वालों की खैर नहीं, सबको पकड़ेगी सीबीआइ

आरबीआइ की तरफ से जारी दिशानिर्देश में कहा गया है कि निर्माण शुरू होने से पहले होम लोन मंजूर कर राशि वितरित करने की स्कीमों से ग्राहकों को नुकसान हो सकता है। दिशानिर्देश में उन स्कीमों का जिक्र किया गया है, जिसमें बिल्डर भवन की कीमत का एक बड़ा हिस्सा निर्माण कार्य शुरू होने से पहले ही ग्राहक से ले लेते हैं। उसके बाद जब तक भवन ग्राहक सौंप नहीं दिया जाता, उससे कोई पैसा नहीं लिया जाता। इस बारे में बिल्डर, बैंक और ग्राहकों के बीच तीन पक्षीय समझौता भी होता है। आरबीआइ का कहना है कि अगर किसी कारण से बिल्डिंग परियोजना में देरी हो जाती है तो फिर इसका खामियाजा ग्राहकों को भुगतना पड़ सकता है। बैंकों को कहा गया है कि वे बिल्डिंग के निर्माण कार्य की प्रगति को देख कर ही धीरे-धीरे होम लोन की राशि अदा करें। अगर किसी कारण से नए किस्म के होम लोन उत्पादों को मंजूरी देनी है तो उसके बारे में ग्राहकों को सही-सही सूचना दें। इन स्कीमों से जुड़े जोखिमों के बारे में ग्राहकों को जरूर बताया जाए। निर्माणाधीन भवन परियोजनाओं के संबंध में कुल होम लोन का एक बड़ा हिस्सा पहले ही भुगतान करने की व्यवस्था बंद होनी चाहिए।

माना जा रहा है कि आरबीआइ के इस ताजा निर्देश से कई रीयल एस्टेट परियोजनाओं को झटका लगेगा। खास तौर पर महानगरों की कई बड़ी रीयल एस्टेट कंपनियां इन स्कीमों का फायदा उठा रही थीं। शुरुआत में एकमुश्त राशि देकर निर्माण कार्य के दौरान कोई भी राशि नहीं देने की स्कीम ग्राहकों को भी पसंद आ रही थी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.