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    इस त्योहार कम होंगे गृह प्रवेश

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    Updated: Mon, 30 Mar 2015 06:40 PM (IST)

    नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। रेपो रेट में वृद्धि ने बहुतों के लिए त्योहारी सीजन का मजा किरकिरा कर दिया है। ऐसे लोग जो त्योहारों के दौरान घर या कार खरीदने की योजना बना रहे थे, उन्हें अब ज्यादा जेब ढीली करनी पड़ेगी। यही वजह है कि ब्याज दरों में वृद्धि की आशंका से सबसे ज्यादा परेशान ऑटोमोबाइल और रीयल एस्टेट कंपनियां हैं। त्योहारी मौसम में

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    नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। रेपो रेट में वृद्धि ने बहुतों के लिए त्योहारी सीजन का मजा किरकिरा कर दिया है। ऐसे लोग जो त्योहारों के दौरान घर या कार खरीदने की योजना बना रहे थे, उन्हें अब ज्यादा जेब ढीली करनी पड़ेगी। यही वजह है कि ब्याज दरों में वृद्धि की आशंका से सबसे ज्यादा परेशान ऑटोमोबाइल और रीयल एस्टेट कंपनियां हैं। त्योहारी मौसम में बिक्री बढ़ाने में जुटी इन कंपनियों की तैयारियों को रिजर्व बैंक के कदम से बड़ा झटका लगना तय माना जा रहा है।

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    ऑटोमोबाइल कंपनियों के संगठन सियाम ने कहा है कि इस त्योहारी सीजन से काफी उम्मीदें थी। उम्मीद थी कि ब्याज दरों को घटाकर ऑटो क्षेत्र की सुस्ती को दूर करने के लिए ठोस कदम उठाया जाएगा। मगर उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया है। जनरल मोटर्स इंडिया के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट पी बालेंद्रन का कहना है कि अच्छे मानसून की वजह से हमें आस थी कि त्योहारों में अच्छी बिक्री होगी। मगर अब यह चुनौतीपूर्ण लग रहा है। सनद रहे कि रेपो रेट में वृद्धि से बैंको की फंड लागत बढ़ जाती है। इसका तुरंत असर होम व ऑटो लोन पर पड़ता है। अधिकांश बैंकों ने दो महीने पहले ही अपने ऑटो लोन को महंगा किया था। अब इन्हें एक बार फिर ब्याज दरों को बढ़ाना पड़ सकता है।

    रीयल एस्टेट कंपनियों ने भी ब्याज दरों में वृद्धि की संभावना पर गहरी निराशा जताई है। इससे न सिर्फ मकानों की मांग पर असर पड़ेगा, बल्कि समय पर होम लोन नहीं चुकाने वाले ग्राहकों की संख्या भी बढ़ेगी। पाश्र्वनाथ, डीएलएफ सहित देश की कई रीयल एस्टेट कंपनियों ने कहा है कि कर्ज की दरों में वृद्धि से उनकी मुसीबत और बढ़ेगी। रीयल एस्टेट कंपनियों के संगठन क्रेडाई के अध्यक्ष ललित कुमार जैन के मुताबिक रीयल एस्टेट क्षेत्र को आगे बढ़ाए बगैर अर्थव्यवस्था को सुस्ती से नहीं निकाला जा सकता। इन कंपनियों की चिंता यह है कि त्योहारी सीजन से ठीक पहले ब्याज दरों में वृद्धि से नए मकानों की बिक्री पर सबसे ज्यादा असर पड़ेगा। इस दौरान सबसे ज्यादा नए मकानों की बिक्री होती है।

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