यहां तो विपक्ष पीएम को चोर कहता है: मनमोहन सिंह
लोकसभा में भारतीय अर्थव्यवस्था और डॉलर के मुकाबले गिरते रुपये पर बयान देने के बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने विपक्ष पर जमकर हमला बोला। राज्यसभा में मनमोहन सिंह ने कहा कि विपक्ष संसद के काम में बाधा डालता है। हमारे यहां विपक्ष पीएम को चोर कहता है। सिर्फ हमारे यहां ही विपक्ष ऐसा बर्ताव करता है। हमें अपनी अर्थव्यवस्था पर भरोसा बनाए रखना जरूरी है। उन्होंने कहा कि महंगाई और गिरता रुपया चिंता की बात है। इसके अलावा, उन्होंने कोयला घोटाले मामले में कहा कि मैं कोयला मंत्रालय की फाइलों का रखवाला नहीं।
नई दिल्ली। लोकसभा में भारतीय अर्थव्यवस्था और डॉलर के मुकाबले गिरते रुपये पर बयान देने के बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने विपक्ष पर जमकर हमला बोला। राज्यसभा में मनमोहन सिंह ने कहा कि विपक्ष संसद के काम में बाधा डालता है। हमारे यहां विपक्ष पीएम को चोर कहता है। सिर्फ हमारे यहां ही विपक्ष ऐसा बर्ताव करता है। हमें अपनी अर्थव्यवस्था पर भरोसा बनाए रखना जरूरी है। उन्होंने कहा कि महंगाई और गिरता रुपया चिंता की बात है। इसके अलावा, उन्होंने कोयला घोटाले मामले में कहा कि मैं कोयला मंत्रालय की फाइलों का रखवाला नहीं।
ऐसे समय जब रुपये में गिरावट न सिर्फ आम जनता पर भारी बोझ बनने का सबब बनने जा रहा है बल्कि पूरी दुनिया में भारत की साख को भी बट्टा लगा रहा है, प्रधानमंत्री इसे जरूरी मानते हैं। आज अर्थव्यवस्था पर लोकसभा में बयान देते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि विकसित देशों की तुलना में भारत में महंगाई की दर काफी ज्यादा रही है। इसे समायोजित करने के लिए भारतीय मुद्रा में अवमूल्यन जरूरी हो गया था। बताते चलें कि इस वर्ष डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये की कीमत लगभग एक चौथाई तक घट चुकी है।
इस हफ्ते बुधवार को एक डॉलर में रुपये की कीमत लगभग 69 के स्तर को छू गया था। माना जा रहा है कि इससे न सिर्फ आम जनता पर महंगे पेट्रोल-डीजल का बोझ बढ़ेगा बल्कि, इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों व कारों की कीमतों में भी इजाफा होगा।
प्रधानमंत्री से पहले वित्त मंत्री पी. चिदंबरम भी रुपये में गिरावट के पक्ष में कुछ ऐसा ही तर्क दे चुके हैं। रुपये में गिरावट के लिए काफी हद तक चालू खाते में घाटे को दोषी बताते हुए पीएम ने कहा कि सरकार इसे मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान 70 अरब डॉलर पर रखने के लिए प्रयासरत है। साथ ही, राजकोषीय घाटे को भी सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 4.8 फीसद पर रखने की कोशिश की जाएगी।
उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात चिंताजनक है लेकिन देश की अर्थव्यवस्था के आधारभूत तत्व मजबूत है। देश के पास 278 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा का भंडार है। जीडीपी की तुलना में देश पर बाहरी कर्ज सिर्फ 21 फीसद है। कम अवधि के कर्ज जीडीपी का 5.2 फीसद है। यानी देश पर जो भी कर्ज है वह कोई बहुत ज्यादा नहीं है जिससे कि भुगतान संकट की स्थिति पैदा हो। उन्होंने उम्मीद जताई कि दूसरी छमाही में विकास दर की रफ्तार बेहतर होगी। सामान्य मानसून होने की वजह से इस बात की संभावना और बलवती हुई है। पीएम ने कहा कि सरकार मौजूदा हालात से निकलने के लिए जो भी संभव है उसे कर रही है। हालांकि इसके लिए पूंजी नियंत्रण जैसे कदम नहीं उठाये जाएंगे। साथ ही उन्होंने देश में सोने की मांग को और कम करने के लिए कदम उठाये जाने के संकेत दिए। पीएम का एक और संकेत यह भी था कि मौजूदा हालात की वजह से देश में फिलहाल सस्ते कर्ज का दौर शुरू नहीं हो पाएगा।
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