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    एनपीए वसूली के लिए कंपनियों पर कब्जा हुआ आसान

    By Manish NegiEdited By:
    Updated: Tue, 14 Jun 2016 01:08 AM (IST)

    बैंकों से कर्ज लेकर उसे नहीं लौटाने वाले कंपनियों पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) ने सख्ती और बढ़ा दी है। ...और पढ़ें

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    नई दिल्ली, (जागरण ब्यूरो)। बैंकों से कर्ज लेकर उसे नहीं लौटाने वाले कंपनियों पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) ने सख्ती और बढ़ा दी है। इन कंपनियों पर बैंकों के नियंत्रण की राह आसान कर दी गई है। बैंक अब चाहें तो कर्ज नहीं लौटाने वाली बड़ी कंपनियों का पूरा प्रबंधन अपने हाथ में ले सकते हैं। साथ ही उस कंपनी का प्रबंधन किसी तीसरी प्रोफेशनल एजेंसी को भी दे सकते हैं।

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    आरबीआइ ने सोमवार को इस संबंध में नई स्कीम लागू कर दी है। माना जा रहा है पिछले एक वर्ष से सरकारी बैंक जिन बड़े एनपीए खाताधारकों के कर्ज को समायोजित कर रहे हैं, अब वे उनके प्रबंधन पर कब्जा जमाकर कर्ज वसूली का नए सिरे से प्रयास कर सकते हैं। आरबीआइ की तरफ से जारी निर्देश में बताया गया है कि सिर्फ उन्हीं बैंक खातों को इस स्कीम में शामिल किया जाएगा, जिन पर 500 करोड़ रुपये की राशि से ज्यादा का बकाया हो। इन कंपनियों पर कब्जा जमाने से पहले बैंकों को इस बात का प्रमाण देना होगा कि कंपनियों की आय व राजस्व को बढ़ाने की संभावना है।

    बैंकों को यह भी विकल्प दिया गया है कि वे ऐसी कंपनी को नए प्रमोटर के हवाले कर सकते हैं। दूसरा विकल्प आजमाने की स्थिति में कंपनी पर बकाया कर्ज के एक हिस्से को इक्विटी में तब्दील किया जा सकता है। एक विकल्प यह भी है कि मौजूदा प्रमोटर के पास अधिकांश इक्विटी के रहने दिया जाए और प्रबंधन किसी प्रोफेशनल एजेंसी के हवाले किया जाए।

    कंपनियों को नए सिरे से राहत नहींनए नियम में बैंकों को यह भी कहा गया है कि वे कर्जदार कंपनी को नए सिरे से कोई भी राहत नहीं देंगे। यानी उन्हें कर्ज चुकाने के लिए न तो ज्यादा समय मिलेगा और न ही ब्याज की दरें घटाई जाएंगी। इन कंपनियों के शेयरों की कीमत का मूल्यांकन किस तरह से किया जाएगा, इस बारे में भी साफ दिशानिर्देश बनाए गए हैं। अगर कंपनी सूचीबद्ध है तो रोजाना या साप्ताहिक आधार पर उसके शेयरों की कीमत तय की जाएगी। अगर कंपनी लिस्टेड नहीं है तो उसके लिए आरबीआइ ने एक नया फॉर्मूला ही बना दिया है। इस पूरी प्रक्रिया पर नजर रखने के लिए आरबीआइ और भारतीय बैंक संघ (आइबीए) के विचार-विमर्श से एक समिति गठित होगी। केंद्रीय बैंक ने कहा है कि इस समिति के किसी भी सदस्य को उसकी अनुमति के बगैर नहीं हटाया जाएगा।

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