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एनडीए के सुधारों के कद्रदान बढ़े

राजग सरकार ने पिछले कुछ दिनों के दौरान आर्थिक सुधारों को लेकर जो फैसले किये हैं उसको पसंद करने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। फिच, बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच जैसी अंतरराष्ट्रीय निवेश सलाहकारों के बाद अब अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और अमेरिका के उद्योगपतियों के संगठन

By Shashi Bhushan KumarEdited By: Published: Fri, 13 Nov 2015 09:19 PM (IST)Updated: Fri, 13 Nov 2015 09:21 PM (IST)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। राजग सरकार ने पिछले कुछ दिनों के दौरान आर्थिक सुधारों को लेकर जो फैसले किये हैं उसको पसंद करने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। फिच, बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच जैसी अंतरराष्ट्रीय निवेश सलाहकारों के बाद अब अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और अमेरिका के उद्योगपतियों के संगठन ने भी इन सुधारों का स्वागत करते हुए भारत में नए निवेश की संभावनाओं के मजबूत होने की बात कही है। अमेरिका भारत उद्यमियों के संगठन यूएसआइबीसी ने कहा है कि इन सुधारों से भारत में 41 अरब डॉलर के निवेश का रास्ता साफ होगा। दरअसल, भारत सरकार ने 11 क्षेत्रों में विदेशी निवेश के नियमों का आसान बनाया है। इनमें से अधिकांश ऐसे क्षेत्र हैं जहां अमेरिकी कंपनियां निवेश करना चाहती हैं।

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आइएमएफ ने कहा है कि वह हाल के दिनों में भारत सरकार की तरफ से सुधारों की दिशा में उठाये गये कदमों से काफी उत्साहित है। पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार सुधारों को लेकर काफी गंभीर है, यह सही दिशा में है और आईएमएफ इसका स्वागत करता है। आईएमएफ के साथ ही यूएसआईबीसी ने कहा है कि एफडीआइ को लेकर नियमों को आसान बना कर सरकार ने यह संकेत दिया है कि वह निवेश आकर्षित करने को लेकर बेहद गंभीर है। अगर सरकार इस तरह ही कदम उठाती रहे तो निश्चित तौर पर अमेरिकी कंपनियां 41 अरब डॉलर के निर्धारित लक्ष्य से भी ज्यादा इस वर्ष भारत में निवेश करेंगी। यह लक्ष्य सितंबर, 2015 में पीएम मोदी की अमेरिकी यात्रा के दौरान तय किया गया था।

सनद रहे कि एक दिन पहले रेटिंग एजेंसी फिच ने एफडीआइ और राज्यों की बिजली वितरण कंपनियों पर बकाये कर्ज के भुगतान के लिए नए नियम बनाने का स्वागत किया था। बिजली वितरण कंपनियों पर बकाये कर्ज के भुगतान के लिए नये नियम को दूरगामी असर वाला कदम माना जा रहा है क्योंकि इससे बिजली क्षेत्र के साथ बैंकों को भी फायदा होगा। माना जा रहा है कि आज निवेशकों के साथ विशेष बैठक करने के लिए संयुक्त अरब अमीरात गये वित्त मंत्री अरुण जेटली भी काफी प्रमुखता से उठाएंगे। इस बैठक में जेटली यूएई के निवेशको को भारत के वित्तीय व ढांचागत क्षेत्र में निवेश करने के लिए आमंत्रित करेंगे।


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