गहनों की खरीद पर पैन कार्ड की अनिवार्यता से नौकरी जाने का खतरा : टाइटन
एक लाख से अधिक गहनों की खरीद पर पैन कार्ड की अनिवार्यता का देशभर के कई ज्वेलर्स ने विरोध शुरू कर दिया है।
नई दिल्ली। सरकार की ओर से कुछ दिनों पहले लागू किए गए एक लाख से अधिक गहनों की खरीद पर पैन कार्ड की अनिवार्यता का देशभर के कई ज्वेलर्स ने विरोध शुरू कर दिया है। गहनों के क्षेत्र में बड़ा नाम बन चुकी टाइटन कंपनी का कहना है कि सरकार के इस फैसले से देशभर के कई कर्मचारियों पर उनकी नौकरियां जाने का खतरा मंडराने लगा है।
इसके पहले वित्त मंत्री अरूण जेटली ने बजट में एक लाख रूपयों से अधिक गहनों की खरीद पर पैन कार्ड प्रस्तुत करना अनिवार्य कर दिया था। जिसके बाद कई ज्वेलर्स ने सरकार के इस फैसले के खिलाफ देशभर में व्यापक आंदोलन की चेतावनी दी है।
टाइटन कंपनी के प्रबंध निदेशक भाष्कर भट्ट का कहना है कि, इस फैसले की वजह से निश्चित तौर पर गहनों की बिक्री में कमी आएगी। कई कारणों से देशभर में बड़े पैमाने पर गहनों की नकद की जाती है।
उन्होंने बातचीत करते हुए बताया कि, देशभर में 17 करोड़ लोगों के पास पैन कार्ड होने के बावजूद महज तीन करोड़ लोग ही टैक्स जमा करते हैं। इसलिए लोगों से एक लाख के अधिक गहनों की खरीद पर पैन कार्ड की उम्मीद करना अव्यवहारिक है। इसी वजह से लोगों की नौकरियां जाने का खतरा भी मंडराने लगेगा।
भट्ट ने सरकार के इस फैसले के विरोध में तर्क देते हुए कहा कि, देश में अधिकतर महिलाएं अपने बचत से ही गहनें खरीदती हैं, इसलिए उनपर टैक्स चोरी जैसे आरोप नहीं लगाए जा सकते हैं। इसके अतिरिक्त देश का एक बड़ा वर्ग अपने माता-पिता से मिले गहनों के बदलें नए गहनों को खरीदता है। जिसकी वजह से सरकार की इस नीति के सफल होने के आसार बहुत ही कम है।
भाष्कर भट्ट ने सरकार को अपने इस फैसले पर दोबारा सोच विचार करने के साथ-साथ लिमिट को 10 लाख तक बढ़ाने अनुरोध भी किया।