Move to Jagran APP

इस सेक्टर में 2021 तक छिन जाएगी साढ़े छह लाख भारतीयों की नौकरियां

अमेरिका की एक रिसर्च फर्म इस बात का अनुमान लगाया है कि अगल पांच वर्षों के दौरान भारत में साढे छह लाख लोगों की नौकरी छिन जाएगी।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Tue, 05 Jul 2016 05:06 PM (IST)Updated: Tue, 05 Jul 2016 07:25 PM (IST)

मुंबई। अमेरिकी आधारित एक शोध फर्म ने इस बात का अनुमान लगाया है कि भारत के आईटी क्षेत्र में अगले पांच वर्षों के दौरान करीब साढ़े छह लाख लोगों की नौकरियां छिन जाएंगी। शोध में कहा गया है कि कम दक्षता वाली नौकरियां जैसे ऑटोमेशन में यह छंटनी होगी। हालांकि, भारत के आईटी क्षेत्र के जानकारों ने सावधान रहने की हिदायत देते हुए कहा कि सिक्के का दूसरा पहलू भी है जिसमें बड़ी तादाद में नए रोजगार के सृजन हो रहे हैं।

loksabha election banner

ये भी पढ़ें- पूंजी निवेश योजना के बाद अब बैंकों में जल्द पूंजी डालेगी केंद्र सरकार

एचएफएस ने बताया है कि साल 2021 तक वैश्विक स्तर पर आईटी सेक्टर में करीब 9 फीसदी की गिरावट देखने को मिलेगी या यूं कहें कि करीब 1.4 मिलियन लोग अपनी नौकरी से हाथ धो बैठेंगे। इसका असर फिलिपिंस, यूनाइटेड किंगडम और यूनाइटेड स्टेट्स जैसे देशों पर भी पड़ेगा।

ये भी पढ़ें- सऊदी अर्थव्यवस्था: पिछले तीन सालों में सबसे धीमी इस साल की रफ्तार

आईटी इंडस्ट्री की एक संस्था 'द नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर एंड सर्विस कंपनीज' (नेस्कॉम) ने कहा कि इस रिपोर्ट में सभी नौकरियों को ठीक तरीके से नहीं दर्शाया गया है क्योंकि नौकरियां नई टेक्नोलॉजी से सृजित होती हैं। इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक, नेस्कॉम के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट संगीता गुप्ता ने कहा कि ऑटोमेशन का कुछ असर आईटी सेक्टर पर होगा। लेकिन ऐसा मानते हैं है कि टेक्नोलॉजी के अपनाने से और नौकरियां बढ़ेंगी।

आईटी-बीपीओ के क्षेत्र में करीब 3.7 मीलियन लोग काम कर रहे हैं। लेकिन, ऑटोमेशन को लेकर सबसे ज्यादा असर बीपीओ और इन्फ्रास्ट्रक्चर मैनेजमेंट स्पेस पर रहेगा जो ऑटोमेशन को अपना रहे हैं।

एचएफएस रिपोर्ट में कहा गया है कि कम दक्षता वाली नौकरियां में करीब 30 फीसदी की गिरावट आएगी, जबकि मध्यम दक्षता वाली नौकरियां में 8 फीसदी इजाफा होगा और उच्च दक्षता वाली नौकरियों में करीब 56 फीसदी की जबदस्त बढ़ोतरी होगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.