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..तो क्या कार खरीदने का सही वक्त आ गया है?

वित्त मंत्री पी. चिदंबरम द्वारा अंतरिम बजट में ऑटो इंडस्ट्री की मदद करते हुए एक्साइज ड्यूटी पर छूट देने की घोषणा की थी। घोषणा का असर कुछ ही दिनों बाद दिखने लगा। ऑटो कंपनियों ने अपने प्रोडक्ट्स के दाम घटाने शुरू कर दिये। तो क्या हम यह मान लें कि अब कार खरीदने का सही वक्त आ गया है? एक अंग्रेजी

By Edited By: Published: Wed, 26 Feb 2014 11:30 AM (IST)Updated: Wed, 26 Feb 2014 11:31 AM (IST)

नई दिल्ली। वित्त मंत्री पी. चिदंबरम द्वारा अंतरिम बजट में ऑटो इंडस्ट्री की मदद करते हुए एक्साइज ड्यूटी पर छूट देने की घोषणा की थी। घोषणा का असर कुछ ही दिनों बाद दिखने लगा। ऑटो कंपनियों ने अपने प्रोडक्ट्स के दाम घटाने शुरू कर दिये। तो क्या हम यह मान लें कि अब कार खरीदने का सही वक्त आ गया है?

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एक अंग्रेजी अखबार में प्रकाशित खबर के मुताबिक, विशेषज्ञों की राय में यह समय बिल्कुल सही समय है। इस वक्त ग्राहक अपनी किस्मत आजमा सकते हैं। मारुति सुजूकी ने मारुति 800 मॉडल के लिए 8,000 रुपये से लेकर एसएक्स4 के लिए 30,000 रुपये तक की कटौती की है।

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हुंडई सेंट्रो की कीमत 10,000 रुपये घटकर 1.35 लाख रुपये हो गई जबकि फॉक्सवैगन की विभिन्न कारें 14,500 रुपये से लेकर 51,000 रुपये तक सस्ती हो गई हैं। ईटी में प्रकाशित खबर के अनुसार कारट्रेड डॉट कॉम के एमडी विनय संघी ने कहा कि ज्यादातर मैन्युफैक्चर्स ने एक्साइज ड्यूटी और कीमतों में कमी का फायदा ग्राहकों तक पहुंचाना शुरू कर दिया है। घटी कीमतों के साथ साल के अंत में दिए जाने वाले डिस्काउंट से यह कार खरीदने का सही समय बन रहा है।

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विशेषज्ञों ने कहा कि खरीदार इस वक्त अपनी किस्मत आजमा सकते हैं और डीलर्स से ज्यादा डिस्काउंट की मांग भी कर सकते हैं। डीलर्स भी वित्तीय वर्ष खत्म होने से पहले अपना स्टॉक क्लियर करना चाहते हैं। विनय संघी ने कहा कि यदि आप मार्च में कार खरीदते हैं तो भी आप छह माह के लिए डेप्रीशिएशन बेनीफिट (भाव में कमी का फायदा) का दावा कर सकते हैं।

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एक अन्य विशेषज्ञ के मुताबिक, कार एक डेप्रीशिएटिंग एसेट है और इसके साथ कई प्रकार की लागत जुड़ी रहती हैं। फ्यूल कॉस्ट, पार्किंग कॉस्ट, टोल चार्ज, वीयर एंड टीयर और रख-रखाव की लागत भी कार की खरीद से साथ जोड़ी जाती है। इसलिए ऑटो लोन लेते वक्त आपको सावधानी बरतनी होगी। फाइनेंस का एक नियम है कि यदि आप कार खरीदने के लिए लोन ले रहे हैं तो उसकी ईएमआई आपकी सैलरी का 10 फीसद ही होनी चाहिए।

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