Move to Jagran APP

प्याज, सब्जियों की कीमतों से भड़की महंगाई

सब्जियों, खासकर प्याज की कीमतों ने एक बार फिर महंगाई को आसमान पर पहुंचा दिया है। आम आदमी की रसोई से जुड़ी जरूरी चीजों के दामों में अगस्त में तेज उछाल के चलते थोक मूल्यों पर महंगाई की दर छह महीने के उ'चतम स्तर 6.1 फीसद पर पहुंच गई। महंगाई की दर में तेज उछाल ने ब्याज दर में कटौती को लेकर रिजर्व बैंक गवर्नर रघुराम राजन के हाथ बांध दिए हैं।

By Edited By: Published: Mon, 16 Sep 2013 01:48 PM (IST)Updated: Mon, 30 Mar 2015 06:40 PM (IST)
प्याज, सब्जियों की कीमतों से भड़की महंगाई

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। सब्जियों, खासकर प्याज की कीमतों ने एक बार फिर महंगाई को आसमान पर पहुंचा दिया है। आम आदमी की रसोई से जुड़ी जरूरी चीजों के दामों में अगस्त में तेज उछाल के चलते थोक मूल्यों पर महंगाई की दर छह महीने के उच्चतम स्तर 6.1 फीसद पर पहुंच गई। महंगाई की दर में तेज उछाल ने ब्याज दर में कटौती को लेकर रिजर्व बैंक गवर्नर रघुराम राजन के हाथ बांध दिए हैं।

loksabha election banner

पढ़ें : भारत की मंदी दुनिया के लिए मुसीबत

पढ़ें : घटती जीडीपी, लौटती महंगाई

अगस्त, 2013 में खाद्य उत्पादों की महंगाई दर छलांग लगाकर 18.18 फीसद की ऊंचाई पर पहुंच गई है। जुलाई में यह 11.91 फीसद पर थी। लेकिन प्याज, सब्जी तथा अंडा, मीट व मछली के तेजी से बढ़े दामों ने खाने पीने की चीजों की महंगाई को और ऊपर पहुंचा दिया। पिछले साल अगस्त के मुकाबले इस साल प्याज के दामों में 244.94 फीसद की वृद्धि हुई, जबकि बाकी सब्जियों के दाम 77.81 फीसद बढ़े। चावल के दाम भी अगस्त में तेजी से बढ़े और इनकी महंगाई की दर 20 फीसद को पार कर गई।

थोक मूल्यों पर आधारित महंगाई की सामान्य मासिक दर में लगातार तीसरे महीने बढ़ोतरी जारी रही। जून में यह 5.16 पर थी तो जुलाई में सामान्य महंगाई की दर 5.75 फीसद पर पहुंची। अगस्त में यह बढ़कर 6.1 फीसद हुई। डीजल की महंगाई दर भी अगस्त में 27.64 फीसद पर पहुंच गई है। महंगाई की दर में वृद्धि के लिए खाने पीने का सामान पूरी तरह जिम्मेदार रहा है। मैन्यूफैक्चर्ड उत्पादों की महंगाई दर काफी मामूली तौर पर बढ़ी है, बल्कि चीनी जैसे उत्पादों की कीमतें पहले के मुकाबले अगस्त में कम हुई हैं।

खाद्य उत्पादों की कीमतों में वृद्धि की वजह से उछली महंगाई की दर अब रिजर्व बैंक की मध्य तिमाही समीक्षा को प्रभावित कर सकती है। जानकारों की राय में महंगाई की ऊंची दर 20 सितंबर को मौद्रिक नीति की समीक्षा करते वक्त केंद्रीय बैंक के नए गवर्नर के दिमाग में रहेगी। उद्योग जगत राजन से ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद लगाए बैठा है। राजन के गवर्नर बनने के बाद न सिर्फ रुपये की कीमत में सुधार हुआ है, बल्कि उनके शुरुआती कदमों ने उद्योग का भी उनमें भरोसा बढ़ाया है। मगर महंगाई दर के अप्रत्याशित रूप से छह फीसद के मनोवैज्ञानिक आंकड़े से ऊपर चले जाने की वजह से सारे समीकरण बिगड़ते नजर आ रहे हैं।

किसने बढ़ाई महंगाई

जिंस , दामों में वृद्धि

प्याज ... 244.62 फीसद

सब्जियां ... 77.81 फीसद

मोटे अनाज ... 14.35 फीसद

चावल ..... 20.13 फीसद

अंडा, मीट, मछली .. 18.18 फीसद

डीजल ....... 27.64 फीसद


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.