सर्च करे
Home

Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    प्याज, सब्जियों की कीमतों से भड़की महंगाई

    By Edited By:
    Updated: Mon, 30 Mar 2015 06:40 PM (IST)

    सब्जियों, खासकर प्याज की कीमतों ने एक बार फिर महंगाई को आसमान पर पहुंचा दिया है। आम आदमी की रसोई से जुड़ी जरूरी चीजों के दामों में अगस्त में तेज उछाल क ...और पढ़ें

    Hero Image

    नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। सब्जियों, खासकर प्याज की कीमतों ने एक बार फिर महंगाई को आसमान पर पहुंचा दिया है। आम आदमी की रसोई से जुड़ी जरूरी चीजों के दामों में अगस्त में तेज उछाल के चलते थोक मूल्यों पर महंगाई की दर छह महीने के उच्चतम स्तर 6.1 फीसद पर पहुंच गई। महंगाई की दर में तेज उछाल ने ब्याज दर में कटौती को लेकर रिजर्व बैंक गवर्नर रघुराम राजन के हाथ बांध दिए हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पढ़ें : भारत की मंदी दुनिया के लिए मुसीबत

    पढ़ें : घटती जीडीपी, लौटती महंगाई

    अगस्त, 2013 में खाद्य उत्पादों की महंगाई दर छलांग लगाकर 18.18 फीसद की ऊंचाई पर पहुंच गई है। जुलाई में यह 11.91 फीसद पर थी। लेकिन प्याज, सब्जी तथा अंडा, मीट व मछली के तेजी से बढ़े दामों ने खाने पीने की चीजों की महंगाई को और ऊपर पहुंचा दिया। पिछले साल अगस्त के मुकाबले इस साल प्याज के दामों में 244.94 फीसद की वृद्धि हुई, जबकि बाकी सब्जियों के दाम 77.81 फीसद बढ़े। चावल के दाम भी अगस्त में तेजी से बढ़े और इनकी महंगाई की दर 20 फीसद को पार कर गई।

    थोक मूल्यों पर आधारित महंगाई की सामान्य मासिक दर में लगातार तीसरे महीने बढ़ोतरी जारी रही। जून में यह 5.16 पर थी तो जुलाई में सामान्य महंगाई की दर 5.75 फीसद पर पहुंची। अगस्त में यह बढ़कर 6.1 फीसद हुई। डीजल की महंगाई दर भी अगस्त में 27.64 फीसद पर पहुंच गई है। महंगाई की दर में वृद्धि के लिए खाने पीने का सामान पूरी तरह जिम्मेदार रहा है। मैन्यूफैक्चर्ड उत्पादों की महंगाई दर काफी मामूली तौर पर बढ़ी है, बल्कि चीनी जैसे उत्पादों की कीमतें पहले के मुकाबले अगस्त में कम हुई हैं।

    खाद्य उत्पादों की कीमतों में वृद्धि की वजह से उछली महंगाई की दर अब रिजर्व बैंक की मध्य तिमाही समीक्षा को प्रभावित कर सकती है। जानकारों की राय में महंगाई की ऊंची दर 20 सितंबर को मौद्रिक नीति की समीक्षा करते वक्त केंद्रीय बैंक के नए गवर्नर के दिमाग में रहेगी। उद्योग जगत राजन से ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद लगाए बैठा है। राजन के गवर्नर बनने के बाद न सिर्फ रुपये की कीमत में सुधार हुआ है, बल्कि उनके शुरुआती कदमों ने उद्योग का भी उनमें भरोसा बढ़ाया है। मगर महंगाई दर के अप्रत्याशित रूप से छह फीसद के मनोवैज्ञानिक आंकड़े से ऊपर चले जाने की वजह से सारे समीकरण बिगड़ते नजर आ रहे हैं।

    किसने बढ़ाई महंगाई

    जिंस , दामों में वृद्धि

    प्याज ... 244.62 फीसद

    सब्जियां ... 77.81 फीसद

    मोटे अनाज ... 14.35 फीसद

    चावल ..... 20.13 फीसद

    अंडा, मीट, मछली .. 18.18 फीसद

    डीजल ....... 27.64 फीसद

    बिजनेस से जुड़ी हर जरूरी खबर, मार्केट अपडेट और पर्सनल फाइनेंस टिप्स के लिए फॉलो करें