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पाक से कारोबार बढ़ाने की उम्मीद टूटी

जागरण न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली। भारत-पाक सीमा पर बढ़ते तनाव के कारण दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार बढ़ाने की कोशिशों को झटका लगा है। पाकिस्तान ने साफ कर दिया है कि भारत को विशेष तरजीही देश (एमएफएन) का दर्जा देने की उसकी अभी कोई योजना नहीं है और न ही इस पर विचार किया जा रहा है।

By Edited By: Published: Wed, 14 Aug 2013 09:11 AM (IST)Updated: Wed, 14 Aug 2013 11:35 AM (IST)

जागरण न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली। भारत-पाक सीमा पर बढ़ते तनाव के कारण दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार बढ़ाने की कोशिशों को झटका लगा है। पाकिस्तान ने साफ कर दिया है कि भारत को विशेष तरजीही देश (एमएफएन) का दर्जा देने की उसकी अभी कोई योजना नहीं है और न ही इस पर विचार किया जा रहा है।

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प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के करीबी और पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार ने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में यह बात कही है। पिछले साल ही दोनों देशों में इसे लेकर सहमति बनी थी। पाकिस्तान ने इसी साल जनवरी से भारत को यह दर्जा देने की बात कही थी। मगर वह हर बार इसकी समय सीमा बढ़ाता रहा। अब जाकर उसने इस प्रस्ताव को ठंडे बस्ते में डालने की घोषणा कर दी। भारत 1996 में ही पाकिस्तान को एमएफएन का दर्जा दे चुका है। एक दूसरे को एमएफएन का दर्जा देने के जरिये कोशिश व्यापार के रास्ते दोनों देशों के संबंध सुधारने की थी। मगर सीमा पर पाकिस्तानी सेना की नापाक हरकतों की वजह से यह कवायद परवान नहीं चढ़ पा रही है।

इशाक डार ने कहा कि फिलहाल दोनों देशों के बीच दूसरे संबंधों को सामान्य बनाने की जरूरत है। इस क्षेत्र में शांति और पाकिस्तान का आर्थिक विकास दोनों एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि अगर हम व्यापार को बढ़ावा देते हैं तो इससे प्रति व्यक्ति आय बढ़ेगी, गरीबी घटेगी और अर्थव्यवस्था रफ्तार पकड़ेगी।

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