इस भारतीय को जापानी कंपनी ने दिए 805.5 करोड़ रुपये
भारत में जन्मे और आइआइटी बीएचयू से ग्रेजुएट निकेश अरोड़ा को जापान की दिग्गज टेलीकॉम कंपनी सॉफ्टबैंक कॉर्प ने प्रेसीडेंट नियुक्त किया है। कंपनी ने उन्हें सितंबर 2014 से मार्च 2015 के लिए 850.5 करोड़ रुपये दिए हैं। पहले गूगल में रह चुके 47 वर्षीय निकेश सॉफ्टबैंक कॉर्प में वाइस प्रेसीडेंट
टोक्यो। भारत में जन्मे और आइआइटी बीएचयू से ग्रेजुएट निकेश अरोड़ा को जापान की दिग्गज टेलीकॉम कंपनी सॉफ्टबैंक कॉर्प ने प्रेसीडेंट नियुक्त किया है। कंपनी ने उन्हें सितंबर 2014 से मार्च 2015 के लिए 850.5 करोड़ रुपये दिए हैं।
पहले गूगल में रह चुके 47 वर्षीय निकेश सॉफ्टबैंक कॉर्प में वाइस प्रेसीडेंट थे। शुक्रवार को हुई शेयरहोल्डर्स की जनरल मीटिंग में उन्हें कंपनी का प्रेसीडेंट और चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर नियुक्त किया गया।
पिछले महीने जब वह कंपनी के इंवेस्टमेंट हेड के तौर पर कार्यरत थे, तब कंपनी ने विदेश में अपने विस्तार को लेकर मैनेजमेंट स्तर पर फेरबदल किया। तब से निकेश का नाम कंपनी के चेयरमैन और सीईओ मासायोशी सन के संभावित उत्तराधिकारी के रूप में चल रहा था। निकेश ने पिछले साल सितंबर महीने में सॉफ्टबैंक कॉर्प ज्वाइन किया है।
निकेश साल 2004 में बतौर टेलीकॉम इंडस्ट्री एनालिस्ट गूगल से जुड़े थे। जापानी कंपनी में नियुक्ति के वक्त वह गूगल इंक में चीफ बिजनेस ऑफिसर थे। कंपनी के चेयरमैन मासायोशी सन की ओर से 'राइजिंग स्टार' के रूप में चयनित किए जाने के बाद निकेश को मार्च 2015 तक के लिए 16.556 अरब येन (लगभग 13.50 करोड़ डॉलर यानी करीब 850.5 करोड़ रुपये) दिए गए।
शनिवार को स्थानीय अखबार असाही शिमबुन में कंपनी समूह की नवीनतम वित्तीय रिपोर्ट के हवाले से छपी खबर के मुताबिक इस पूरी राशि में 14.6 अरब येन सॉफ्टबैंक की सहायक कंपनी में एक्जीक्यूटिव के रूप में निकेश के कामकाज के लिए बतौर एंटरिंग बोनस और कॉम्पेंसेशन दे दिया गया। जापान में गिनेचुने अधिकारी ही हैं, जिनकी सैलरी अरबों येन में है। किसी जापानी कंपनी में एक अधिकारी को 16 अरब येन सालाना तो शायद ही दिया गया हो। सॉफ्टबैंक में अपनी नियुक्ति के एक साल से भी कम समय में निकेश ने कंपनी के लिए 200 अरब येन (1.67 अरब डॉलर) की डील करवा दी है। इसमें भारतीय ऑनलाइन मार्केटप्लेस स्नैपडील और टैक्सी बुकिंग सर्विस ओला कैब्स में निवेश भी शामिल है।