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    कर चोरी और टेरर फाइनेंसिग को रोकने के लिए भारत ने जी-20 से मिलाया हाथ

    By Atul GuptaEdited By:
    Updated: Sat, 16 Apr 2016 10:30 AM (IST)

    वित्त मंत्री ने ये भी कहा कि इस गठबंधन में आने वाले सभी देशों और वित्तिय क्षेत्रों को 1989 में जी-7 देशों द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग के लिए बनाए गए फाइनेशल एक्शन टास्क फोर्स का सदस्य बनना चाहिए।

    नई दिल्ली (आईएएनएस)। मनी लॉन्ड्रिंग, कर चोरी और टैरर फाइनेंसिंग जैसी समस्याओं पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जी-20 देशों के समूह के साथ हाथ मिला लिया है। वित्त मंत्री ने कहा कि टैक्स हैवेंस को पारदर्शी बनना होगा और इसके लिए एक दूसरे के साथ जानकारी साझा करना जरूरी है।

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    जी-20 देशों के वित्त मंत्री और गवर्नर के साथ बैठक में जेटली और आरबीआई के गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि वैश्विक वित्तिय प्रणाली में पारदर्शिता में सुधार करने की जरूरत है जिससे भ्रष्टाचार, कर चोरी, आतंकवाद के वित्तिय पोषण और अवैध कृत्यों के लिए संस्थाओं के दुरुपयोग पर रोक लगाई जा सके।

    वित्त मंत्री ने ये भी कहा कि इस गठबंधन में आने वाले सभी देशों और वित्तिय क्षेत्रों को 1989 में जी-7 देशों द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग के लिए बनाए गए फाइनेशल एक्शन टास्क फोर्स का सदस्य बनना चाहिए।

    आपको बता दें कि भारत इस पहल का हिस्सा है। जी-20 सम्मेलन में कहा गया कि सभी देशों जो 2017-18 तक ऑटोमेटिक एक्सचेंज ऑफ इंफॉरमेशन का हिस्सा नहीं बने हैं उन्हें बिना किसी देरी के जल्दी से जल्द इस पहल के साथ जुड़ जाना चाहिए।

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