भारत ने अमेरिकी सरकार की प्रतिभूतियों में अपना निवेश घटाया
फरवरी माह के दौरान भारत समेत अन्य ब्रिक्स देशों ने अमेरिकी प्रतिभूतियों में निवेश घटा रहा है। इसके पीछे अर्थव्यवस्था आ रही सुस्ती को माना जा रहा है। यही कारण है कि भारत ने भी अपना पोर्टफोलियो घटा दिया है। वर्ष 2014 के पहले दो महीनों में उसने इसमें एक अरब डॉलर की कमी की और फरवरी के अंत में इनमे
वाशिंगटन। फरवरी माह के दौरान भारत समेत अन्य ब्रिक्स देशों ने अमेरिकी प्रतिभूतियों में निवेश घटा रहा है। इसके पीछे अर्थव्यवस्था आ रही सुस्ती को माना जा रहा है। यही कारण है कि भारत ने भी अपना पोर्टफोलियो घटा दिया है।
वर्ष 2014 के पहले दो महीनों में उसने इसमें एक अरब डॉलर की कमी की और फरवरी के अंत में इनमें भारत का निवेश 67 अरब डॉलर रह गया। अमेरिकी वित्त विभाग के ताजा आंकड़ों के अनुसार फरवरी के अंत में अमेरिकी प्रतिभूतियों में भारत का निवेश 67 अरब डॉलर रहा जो इससे पूर्व महीने में 68.1 अरब डॉलर तथा पिछले साल दिसंबर में यह 68.5 अरब डॉलर था।
एक्सिस बैंक की मुख्य अर्थशास्त्री सुगाता भट्टाचार्या ने कहा, 'कई विकासशील देशों ने अपने पोर्टफोलियो को घटाने का काम किया है। इन देशों के पास निवेश के लिए अतिरिक्त पूंजी की कमी है। इसके पीछे अर्थव्यवस्था में सुस्ती का माहौल हो सकता है।'
ताजा आंकड़ों के अनुसार भारत ही नहीं बल्कि अन्य ब्रिक्स देशों (ब्राजील, रूस, भारत, चीन तथा दक्षिण अफ्रीका) ने भी जनवरी के मुकाबले फरवरी में अमेरिकी प्रतिभूतियों में निवेश घटाया है। हालांकि चीन ने भी अमेरिकी प्रतिभूतियों में निवेश थोड़ा घटाया है लेकिन इसके बावजूद वह 1270 अरब डॉलर के निवेश के साथ इस मामले में सबसे बड़ा निवेशक है।
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