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    इन छोटी गलतियों के लिए इंकम टैक्स डिपार्टमेंट लगा सकता है आप पर हजारों की पेनल्टी

    इंकम टैक्स एक्ट की तमाम धाराएं करदाता पर पेनल्टी के प्रावधान से जुड़ी हैं। करदाता की ओर से आयकर कानून का उल्लंघन किए जाने पर विभाग इन्ही धाराओं के अंतर्गत कार्यवाही पर पेनल्टी लगात

    By Shilpa SrivastavaEdited By: Updated: Wed, 27 Jul 2016 11:03 AM (IST)

    नई दिल्ली। इंकम टैक्स एक्ट की तमाम धाराएं करदाता पर पेनल्टी के प्रावधान से जुड़ी हैं। करदाता की ओर से आयकर कानून का उल्लंघन किए जाने पर विभाग इन्ही धाराओं के अंतर्गत कार्यवाही पर पेनल्टी लगाता है। कई बार जानकारी के अभाव में आम करदाता भी इस चक्कर में फंस जाता है, जबकि उसकी मंशा किसी तरह के कानून का उल्लंघन करने की नहीं होती है।

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    फाइनेंनशियल एक्सपर्ट अंकित गुप्ता का मानना है कि कई बार करदाता जानकारी के अभाव में तमाम ऐसी छोटी-छोटी गलतियां कर देते हैं, जिनकी वजह से उनकों दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। आयकर विभाग इसको कानून का उल्लंघन मान करदाता पर प्रावधान के अनुसार पेनल्टी लगा देते हैं।

    पेनल्टी से बचने के लिए इन बातों का रखें ख्याल

    1- नोटिस का जबाव न देने पर- इंकम टैक्स डिपार्टमेंट से कोई भी नोटिस आने पर इसका जवाब जरूर दें। भ्रम की स्थिती में विभाग की ओर से करदाता को कई बार वर्तमान या पिछले आयकर रिटर्न से जुड़ी जानकारी मांगने के लिए सेक्शन 142(1), 143(2), 142(2A) के अंतर्गत नोटिस भेजे जाते हैं। करदाता की ओर से इन नोटिस का जवाब न देने पर विभाग करदाता पर हर नोटिस के लिए 10,000 रुपए की पेनल्टी लगा सकता है। यह पेनल्टी सेक्शन 271(1)(b) के अंतर्गत विभाग की ओर से लगाई जाती है।

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    2- आय छुपाने पर- मकान से मिलने वाला किराया, बचत खाते पर मिलने वाला ब्याज, सलाहकार के रूप में जुड़कर किसी संस्थान से कमाई गई आय समेत तमाम ऐसी इंकम होती हैं जिनको करदाता रिटर्न फाइल करते समय दिखाना भूल जाता है। कानून की दृष्टि से आय छुपाने के जुर्म में विभाग सेक्शन 271(1)(C) के अंतर्गत करदाता पर 300 फीसदी तक की पेनल्टी लगा सकता है। इस स्थिति में कम से कम लगने वाली पेनल्टी भी 100% की होती है।

    3- इंकम टैक्स रिटर्न फाइल न करने पर- टैक्सेबल इंकम होने की स्थिति में अगर करदाता रिटर्न फाइल नहीं करता है तो सेक्शन 271F के अंतर्गत विभाग 10,000 रुपए तक की पेनल्टी लगा सकता है। वित्त वर्ष 2015-16 के रिटर्न करदाता 31 मार्च 2017 तक फाइल कर सकता है।

    4- पैन नंबर न डालने की स्थिति में- रिटर्न फाइल करते समय यदि करदाता अपना पैन नंबर नहीं डालता है तो सेक्शन 272B(2) के अंतर्गत 10,000 रुपए तक की पेनल्टी का प्रावधान है।