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विदेशी निवेशकों को 40 हजार करोड़ के टैक्स में ढील नहीं

सरकार विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआइआइ) के दबाव में आकर न्यूनतम वैकल्पिक कर यानी मैट की 40 हजार करोड़ रुपये की मांग से पीछे नहीं हटेगी। वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, 'हम लोग एफआइआइ की ओर से छूट की मांग के दबाव में नहीं आएंगे।' बड़ी संख्या में विदेशी

By Shashi Bhushan KumarEdited By: Published: Tue, 21 Apr 2015 08:55 PM (IST)Updated: Tue, 21 Apr 2015 09:11 PM (IST)

नई दिल्ली। सरकार विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआइआइ) के दबाव में आकर न्यूनतम वैकल्पिक कर यानी मैट की 40 हजार करोड़ रुपये की मांग से पीछे नहीं हटेगी। वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, 'हम लोग एफआइआइ की ओर से छूट की मांग के दबाव में नहीं आएंगे।' बड़ी संख्या में विदेशी निवेशकों से पूंजीगत लाभ पर मैट की मांग की जा रही है। विदेशी निवेशकों के मुताबिक उन्हें लांग टर्म पूंजीगत लाभ में छूट मिली हुई है। इसलिए उन पर मैट की कोई देनदारी नहीं बनती है।

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सरकार का दावा मजबूत

राजस्व विभाग ने विदेशी निवेशकों को 31 मार्च, 2015 से पहले के पूंजीगत लाभ पर 20 फीसद मैट देने के लिए नोटिस भेजे थे। इसके बाद विदेशी निवेशकों ने एडवांस रूलिंग अथॉरिटी का दरवाजा खटखटाया। अथॉरिटी ने टैक्स डिपार्टमेंट के पक्ष में फैसला सुनाया।

वित्त मंत्री का कड़ा रुख

वित्त मंत्री अरुण जेटली पहले ही कह चुके हैं कि भारत को टैक्स हैवेन (कर चोरों की जन्नत) नहीं बनने दिया जाएगा। विदेशी निवेशकों से कानूनन बकाया टैक्स वसूला जाएगा। वित्त मंत्री ने बजट में एलान किया था कि एक अप्रैल, 2015 से विदेशी निवेशकों को पूंजीगत लाभ पर मैट में छूट दी जाएगी।

'अगर विदेशी संस्थागत निवेशक सरकार के फैसले से खुश नहीं हैं, तो उन्हें अदालत का दरवाजा खटखटाना चाहिए।'

-शक्तिकांत दास, राजस्व सचिव

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