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    रिलायंस व एस्सार से डीजल लेंगी सरकारी तेल कंपनियां

    By Sachin BajpaiEdited By:
    Updated: Tue, 07 Jun 2016 08:01 PM (IST)

    सरकारी तेल कंपनियों और निजी क्षेत्र की रिलायंस इंडस्ट्रीज व एस्सार ऑयल के बीच डीजल खरीदने का करार हो गया है।

    नई दिल्ली, प्रेट्र/रायटर : सरकारी तेल कंपनियों और निजी क्षेत्र की रिलायंस इंडस्ट्रीज व एस्सार ऑयल के बीच डीजल खरीदने का करार हो गया है। इस समझौते के तहत इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम रिलायंस की जामनगर व एस्सार की वाडिनार रिफाइनरी से सालाना 1.2 करोड़ टन डीजल खरीदेंगी। इस वजह से ये सरकारी तेल मार्केटिंग व रिफाइनिंग कंपनियां डीजल का आयात रोक सकती हैं। ये तेल कंपनियां जरूरत से कम उत्पादन करने की वजह से अभी डीजल का आयात कर रही थीं।

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    इस साल की शुरुआत में डीजल खरीदने की ऐसी ही व्यवस्था निजी रिफाइनिंग के बेहतर सौदे के लिए दबाव बनाने की वजह से टूट गई थी। पूर्व में रिलायंस इंडस्ट्रीज और एस्सार ऑयल केंद्रीय बिक्री कर के साथ ही गुजरात के समुद्र तट से पूर्वी और दक्षिणी भारत के खपत केंद्रों तक का भाड़ा भी अदा करती थीं। इसीलिए निजी क्षेत्र की कंपनियां चाहती थीं कि यह लागत खरीदार यानी इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम खुद वहन करें।

    कोई अंतिम इंतजाम होने तक सरकारी तेल कंपनियों ने इस बोझ को खुद उठाने की बजाय विदेश से तेल आयात करना बेहतर समझा। इस वजह से उन्होंने अप्रैल में पांच लाख टन डीजल का आयात किया था। अलबत्ता सरकारी और निजी कंपनियों के बीच वार्ता जारी रही। अब दोनों पक्षों के बीच इस शर्त पर अस्थायी समझौता हो गया है कि रिलायंस और एस्सार बिक्री कर का बोझ उठाएंगी, जबकि सरकारी कंपनियां डीजल के परिवहन पर आने वाला खर्च वहन करेंगी। इस सौदे की खास बात यह है कि सरकारी कंपनियां डीजल की खरीद माह दर माह के आधार पर करेंगी। मसलन, अगर उन्हें जुलाई में डीजल चाहिए, तो इसकी मात्रा 24 जून से पहले बतानी होगी। जहां तक दोनों पक्षों के बीच अंतिम सौदे का सवाल है, तो इसमें अभी कई हफ्ते लग सकते हैं।