Move to Jagran APP

बढ़ सकता है ब्रॉडबैंड परियोजना का दायरा

मोदी सरकार देश भर में इंटरनेट पहुंचाने वाली महत्वाकांक्षी ब्रॉडबैंड योजना का दायरा बढ़ा सकती है। राष्ट्रीय ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क के जरिये देश की सभी पंचायतों में ब्रॉडबैंड इंटरनेट पहुंचाने वाली इस परियोजना को सरकार और आगे ले जाने की योजना पर काम कर रही है। परियोजना में बदलाव लाने

By Sudhir JhaEdited By: Published: Sat, 09 May 2015 08:38 PM (IST)Updated: Sat, 09 May 2015 09:01 PM (IST)

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। मोदी सरकार देश भर में इंटरनेट पहुंचाने वाली महत्वाकांक्षी ब्रॉडबैंड योजना का दायरा बढ़ा सकती है। राष्ट्रीय ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क के जरिये देश की सभी पंचायतों में ब्रॉडबैंड इंटरनेट पहुंचाने वाली इस परियोजना को सरकार और आगे ले जाने की योजना पर काम कर रही है। परियोजना में बदलाव लाने वाली विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट को लेकर सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समीक्षा बैठक कर सकते हैं।

मोदी के डिजिटल इंडिया अभियान के अहम हिस्से नेशनल ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क (एनओएफएन) की जिम्मेदारी भारत ब्रॉडबैंड नेटवर्क लिमिटेड के पास है। इसके जरिये देश के सभी ब्लॉक मुख्यालयों को ग्राम पंचायतों से इंटरनेट के जरिये जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए 20,000 करोड़ का बजट निर्धारित किया गया था। लेकिन सूत्र बताते हैं कि समिति ने इसे 70 हजार करोड़ रुपये करने का सुझाव दिया है। समिति की सिफारिश है कि इस पूरी परियोजना की खातिर बीएसएनएल का मौजूदा नेटवर्क इस्तेमाल करने की संभावनाओं को भी तलाशना चाहिए, ताकि लागत को कम किया जा सके।

डिजिटल इंडिया अभियान के तहत साल 2017 तक 17.5 लाख ब्रॉडबैंड कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा गया है। इसके तहत न्यूनतम दो एमबीपीएस की इंटरनेट स्पीड देने की योजना है। हालांकि भारत ब्रॉडबैंड नेटवर्क लिमिटेड के जरिये देश भर में इंटरनेट पहुंचाने की योजना संप्रग सरकार ने 2011 में बनाई थी। लेकिन केंद्र में मोदी के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद इसे ज्यादा प्रभावी तरीके से लागू करने की योजना तैयार की गई है। संचार व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इसे तेजी से आगे बढ़ाया है।

समिति ने परियोजना की रफ्तार पर असंतोष जाहिर करते हुए कहा है कि एनओएफएन के मौजूदा स्वरूप में बड़े बदलाव आवश्यक हैं। इसके लिए भारत ब्रॉडबैंड नेटवर्क लिमिटेड के ढांचे को भी बदलना होगा। समिति ने इस कंपनी के लिए निजी क्षेत्र से चेयरमैन लाने का सुझाव दिया है। सोमवार को संभावित बैठक में प्रधानमंत्री समिति की सिफारिशों पर विचार करेंगे। वह डिजिटल इंडिया अभियान की सफलता को लेकर गंभीर प्रधानमंत्री समिति के सुझाए कई बदलावों को हरी झंडी दिखा सकते हैं।

पढ़ेंः तीन साल में चीन के बराबर होगा इंटरनेट कनेक्शन


This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.