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    सरकार को अर्थव्यवस्था में सुधार की उम्मीद

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    Updated: Sat, 08 Feb 2014 02:26 AM (IST)

    नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। कृषि और उसके सहयोगी क्षेत्रों में सुधार के रुख को देखते हुए केंद्र सरकार ने आर्थिक विकास के अपने अनुमान को बदल दिया है। अब सर ...और पढ़ें

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    नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। कृषि और उसके सहयोगी क्षेत्रों में सुधार के रुख को देखते हुए केंद्र सरकार ने आर्थिक विकास के अपने अनुमान को बदल दिया है। अब सरकार को साढ़े चार के बजाय आर्थिक विकास दर के 4.9 फीसद रहने की उम्मीद है। इसका अर्थ यह हुआ कि चालू वित्ता वर्ष 2013-14 की आर्थिक विकास दर बीते वित्ता वर्ष के मुकाबले अधिक रहेगी। साथ ही प्रति व्यक्ति आय में तेज बढ़ोतरी हो जाएगी।

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    केंद्रीय सांख्यिकी संगठन ने हाल ही में साल 2012-13 की आर्थिक विकास दर को संशोधित कर उसे पांच से घटाकर 4.5 फीसद कर दिया था। लेकिन चालू वित्ता वर्ष में बेहतर मानसून और कृषि की बढि़या पैदावार के चलते सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी और इसकी वृद्धि दर के अनुमान में संशोधन किया है। ताजा अनुमानों के मुताबिक, मौजूदा बाजार कीमत पर अर्थव्यवस्था का आकार बढ़कर 105.39 लाख करोड़ रुपये का हो गया है। सीएसओ ने कृषि क्षेत्र में 4.6 फीसद की विकास दर का अनुमान लगाया है। बीते वित्ता वर्ष 2012-13 में इस क्षेत्र की वृद्धि दर 1.4 फीसद रही थी।

    प्रति व्यक्ति आय में तेज इजाफा अर्थव्यवस्था के संशोधित आंकड़ों में प्रति व्यक्ति आय में भी सुधार का अनुमान लगाया गया है। नए अनुमानों के मुताबिक मौजूदा बाजार कीमतों पर चालू वित्ता वर्ष में प्रति व्यक्ति आय 10.4 फीसद बढ़कर 74 हजार 920 रुपये हो जाएगी। वैसे, वर्ष 2004-05 की स्थिर कीमतों पर यह आंकड़ा 39,961 रुपये रहने का अनुमान है। इससे पहले स्थिर कीमतों पर व्यक्ति आय 38,856 रुपये रहने का अनुमान लगाया गया था।

    मैन्यूफैक्चरिंग के हाल खराबमैन्यूफैक्चरिंग की स्थिति चालू वित्ता वर्ष में लगातार खराब बनी हुई है। बीते वित्ता वर्ष के मुकाबले 2013-14 में इसकी विकास दर में 0.2 फीसद की गिरावट का अनुमान लगाया गया है। वैसे, वित्ताीय सेवाओं में 11.2 फीसद की वृद्धि दर सरकार को कुछ राहत दे रही है। चालू वित्ता वर्ष में आर्थिक विकास का पूरा दारोमदार कृषि और वित्ताीय सेवा क्षेत्र पर ही है।

    बीते साल के मुकाबले देश में निजी निवेश में कमी दर्ज की गई है। निवेश की दर 59.8 फीसद रहने का अनुमान है, जबकि 2012-13 में यह 60.1 फीसद रही थी। मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र में गिरावट का रुख निजी निवेश में हो रही कमी को दर्शाता है। घरेलू बचत में भी कमी आई है। यह बीते साल के 33.9 फीसद से घटकर 32.5 फीसद रहने का अनुमान है।

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