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    50 लाख से ज्यादा कमाने वालों को अब ITR के साथ देना होगा संपत्ति का ब्यौरा

    By Sachin MishraEdited By:
    Updated: Sat, 02 Apr 2016 09:27 AM (IST)

    अगर आपकी आय पचास लाख रुपये सालाना से अधिक है तो आपको इस बार आयकर रिटर्न दाखिल करते समय अपनी चल अचल संपत्तियों और आभूषणों का ब्यौरा भी देना होगा। सरकार ने इनकम टैक्स रिटर्न फार्म 'सहज' में इस आशय के बदलाव किए हैं।

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    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अगर आपकी आय पचास लाख रुपये सालाना से अधिक है तो आपको इस बार आयकर रिटर्न दाखिल करते समय अपनी चल अचल संपत्तियों और आभूषणों का ब्यौरा भी देना होगा। सरकार ने इनकम टैक्स रिटर्न फार्म 'सहज' में इस आशय के बदलाव किए हैं। नए फार्म को आज अधिसूचित कर दिया है।

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    असेसमेंट वर्ष 2016-17 के लिए जारी इनकम टैक्स रिटर्न फार्म में इसके लिए कालम भी तय कर दिया गया है। फार्म में जिस संपत्ति का ब्यौरा देना है, उसका स्पष्ट वर्णन है। पहला कालम अचल संपत्तियों का है जिसमें भूमि, इमारत या यदि दोनों हैं तो उनका ब्यौरा देना होगा। ब्यौरे में सरकार ने कीमत की जानकारी मांगी है। दूसरा कालम अचल संपत्तियों का है जिसमें नकदी, ज्वैलरी, सोना आदि और वाहनों, याच, बोट और विमान वगैरह का ब्यौरा देना है।

    वित्त मंत्रालय ने नए फार्म से संबंधित गजट आदेश 30 मार्च को पारित किया। आयकरदाताओं को 31 जुलाई तक रिटर्न दाखिल करना होता है। इनकम टैक्स रिटर्न के लिए ये बदलाव सभी तरह के फार्मों में किया गया है। आइटीआर 1 जिसे सहज कहा जाता है, उसके साथ साथ आइटीआर 2, 2ए और आइटीआर 4 में भी यह जानकारी देने का प्रावधान है।

    अचल संपत्तियों के मामले में एक जानकारी आयकर विभाग ने और मांगी है। आयकरदाताओं को अपने स्वामित्व वाली भूमि की जानकारी देने के साथ साथ यह भी बताना होगा कि उस भूमि पर ऋण है या नहीं। और यदि है तो कितना। यानी आयकरदाताओं को अपनी देयता की जानकारी भी आयकर विभाग को देनी होगी।

    वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक, रिपोर्टिंग की इस नई व्यवस्था से सरकार का मकसद अमीर लोगों की तरफ से होने वाली संभावित कर चोरी को रोकना है। अभी तक आयकर विभाग केवल रिटर्न दाखिल करते वक्त दी जाने वाली आय संबंधी सूचनाओं पर ही कर चोरी रोकने के लिए निर्भर था। लेकिन अब इस तरह की जानकारी प्राप्त होने से विभाग को आयकरदाताओं का पूरी जानकारी मिल सकेगी।

    सरकार ने पिछले वर्ष ही आयकर रिटर्न के फार्म में संशोधन किया था। इन बदलावों में आयकरदाताओं के सभी बैंक खातों की जानकारी मांगी गई थी। हालांकि उससे पहले पासपोर्ट की जानकारी भी मांगी गई थी। लेकिन बाद में उस कालम को हटा लिया गया था।

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