खुलेंगे नए बैंक, चुनाव आयोग ने दी हरी झंडी
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। ऐसा लगता है कि नए बैंकिंग लाइसेंस जारी करने का सेहरा मौजूदा संप्रग-दो सरकार के सिर ही बंधेगा। चुनाव आयोग ने मंगलवार को रिजर् ...और पढ़ें

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। ऐसा लगता है कि नए बैंकिंग लाइसेंस जारी करने का सेहरा मौजूदा संप्रग-दो सरकार के सिर ही बंधेगा। चुनाव आयोग ने मंगलवार को रिजर्व बैंक को सैद्धांतिक तौर पर नए बैंकों के लाइसेंस जारी करने की अनुमति दे दी। माना जा रहा है कि अगले कुछ हफ्तों के भीतर आरबीआइ तीन से चार नए बैंकिंग लाइसेंस जारी कर देगा। वित्त मंत्री पी चिदंबरम लगातार इस कोशिश में थे कि किसी भी तरह बैंकिंग लाइसेंस जारी करने का काम उनके कार्यकाल के दौरान हो जाए।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त वीएस संपत की अध्यक्षता वाले चुनाव आयोग ने देर शाम को एक सूचना जारी की। इसमें यह जानकारी दी गई है कि रिजर्व बैंक सैद्धांतिक तौर पर बैंकिंग लाइसेंस जारी करने को लेकर फैसला कर सकता है। इसके पहले दिन में आरबीआइ गवर्नर रघुराम राजन ने कहा था कि आयोग से विचार-विमर्श होने के बाद आरबीआइ बैंकिंग लाइसेंस देने पर फैसला करेगा। आरबीआइ के पास 25 कंपनियों ने बैंकिंग लाइसेंस लेने का आवेदन किया हुआ है। इनमें बिड़ला, रिलायंस, बजाज जैसे औद्योगिक समूहों के अलावा एल एंड टी, इंडिया पोस्ट, एलआइसी हाउसिंग फाइनेंस, आइडीएफसी जैसे वित्तीय संस्थान भी शामिल हैं।
दो सालों से चल रही तैयारी
पिछले दो वर्षो से नए बैंकों को लाइसेंस देने की तैयारी चल रही है। सबसे पहले रिजर्व बैंक ने इस पर समिति बनाई। समिति की रिपोर्ट के बाद सिफारिशों के मुताबिक केंद्र सरकार ने कई कानूनों में संशोधन किए। रिजर्व बैंक कानून में संशोधन कर आरबीआइ को ज्यादा अधिकार दिया गया कि वह बैंक खोलने वाली कंपनियों के सहयोगी कारोबार की निगरानी भी कर सकता है। इसके बाद आवेदन मंगवाए गए। कंपनियों के आवेदनों पर विचार के लिए पूर्व आरबीआइ गवर्नर डॉ. बिमल जालान की अध्यक्षता में समिति गठित की गई। इसकी भी रिपोर्ट आ गई, लेकिन तभी चुनाव की घोषणा हो गई। इसलिए आरबीआइ को चुनाव आयोग से विचार-विमर्श करना पड़ा। आरबीआइ के गवर्नर रघुराम राजन ने कहा भी कि वह समय-समय पर बैंकिंग लाइसेंस जारी करते रहेंगे। वर्ष 2003-04 के बाद से भारत में कोई नया बैंक नहीं खोला गया है।

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