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भारतीयों का वीजा सबसे ज्यादा खारिज करता है अमेरिका

अमेरिका एक ऐसा देश है जहां दुनिया भर के लोग काम करने जाना चाहते हैं। यही कारण है कि हर साल अमेरिका में काम के लिए कई देशों के लाखो लोग वीजा का आवेदन भेजते हैं। लेकिन उनमें सबसे ज्यादा भारतीय पेशेवरों का वीजा रद्द किया जाता है। एक अध्ययन

By Shashi Bhushan KumarEdited By: Published: Thu, 26 Mar 2015 09:29 AM (IST)Updated: Thu, 26 Mar 2015 10:15 AM (IST)

नई दिल्ली। अमेरिका एक ऐसा देश है जहां दुनिया भर के लोग काम करने जाना चाहते हैं। यही कारण है कि हर साल अमेरिका में काम के लिए कई देशों के लाखो लोग वीजा का आवेदन भेजते हैं। लेकिन उनमें सबसे ज्यादा भारतीय पेशेवरों का वीजा रद्द किया जाता है। एक अध्ययन रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि एल-1बी श्रेणी के तहत वीजा के लिए पेश की जा रहीं अर्जियों में सबसे ज्यादा भारतीयों की अर्जियां रद्द होती हैं। संयोगवश अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि वह एल-1बी वीजा व्यवस्था में सुधार करेंगे।

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एल-1बी वीजा के तहत किसी देश की कंपनी अपने कर्मचारी को कुछ समय के लिए अमेरिका में काम करने के लिए भेजती है। अमेरिका के एक थिंक टैंक द्वारा जारी अध्ययन में कहा गया है कि भारतीय आवेदनकर्ताओं के लिए एल-1बी आवेदन रद्द किए जाने की दर 2012-14 में 56 फीसदी रही, जबकि बाकी सभी देशों के लिए यह दर औसत 13 फीसदी रही।

व्यापार और आव्रजन मुद्दे पर गैर लाभकारी नीति शोध संगठन नेशनल फाउंडेशन फॉर अमेरिकन सोसायटी द्वारा कराए गए इस अध्ययन में कहा गया है कि 2012-14 के दौरान कनाडा के सिर्फ 4 फीसदी आवेदन रद्द किए गए।

अध्ययन के मुताबिक इस वीजा के लिए भारतीयों ने सर्वाधिक 25,296 आवेदन किए। इसके बाद कनाडा के नागरिकों ने 10,692 आवेदन किए। आवेदन रद्द किए जाने की दर ब्रिटेन के नागरिकों के लिए 16 फीसदी (कुल 2,577 आवेदन) और चीन के लिए 22 फीसदी (कुल 1,570 आवेदन) थी। अध्ययन के मुताबिक 2012-14 के दौरान 11,192 भारतीयों के आवेदन मंजूर हुए।

बहरहाल, राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा कि अमेरिका गौरव के साथ कारोबार करने के लिए खुला हुआ है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि एल-1बी वीसा व्यवस्था में सुधार किया जाएगा, ताकि विदेशी कंपनियां आसानी से अपने कर्मचारी अमेरिका में भेज सकें।

वाशिंगटन में द्वितीय सेलेक्ट यूएसए इनवेस्टमेंट समिट में उन्होंने कहा कि इस सुधार से अमेरिका को फायदा होगा। अमेरिका में निवेश बढ़ेगा। नैसकॉम के अध्यक्ष आर चंद्रशेखर ने राष्ट्रपति की घोषणा पर कहा कि इस बारे में आधिकारिक दस्तावेज उपलब्ध नहीं हुए हैं।

चंद्रशेखर ने टेलीविजन पर एक साक्षात्कार में कहा कि हमारी उम्मीद है कि दस्तावेज सकारात्मक और सही दिशा में होगी। लेकिन जब तक वास्तविक दस्तावेज नहीं मिल जाते किसी भी प्रावधान पर कुछ कह पाना कठिन है। दस्तावेज के इस सप्ताह के आखिर तक मिल पाने की उम्मीद है।

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