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अब स्टार्ट अप को रफ्तार देने की तैयारी, स्नैपडील-फ्लिपकॉर्ट के साथ होगी बैठक

वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय ने स्टार्ट अप को बढ़ावा देने के लिए स्नैपडील, फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियों के साथ बैठक करेगी।

By Lalit RaiEdited By: Published: Tue, 26 Jul 2016 01:15 AM (IST)Updated: Tue, 26 Jul 2016 05:08 AM (IST)
अब स्टार्ट अप को रफ्तार देने की तैयारी, स्नैपडील-फ्लिपकॉर्ट के साथ होगी बैठक

नई दिल्ली[नितिन प्रधान]। देश में रोजगार की संख्या बढ़ाने को सरकार स्टार्ट अप इंडिया कार्यक्रम की रफ्तार बढ़ाने की तैयारी में है। इसके लिए सरकार ने इससे जुड़े सभी पक्षों के साथ विचार विमर्श की प्रक्रिया शुरू करने का फैसला किया है ताकि स्टार्ट अप्स की राह में आने वाले रोड़ों को दूर कर उनकी सफलता सुनिश्चित की जा सके। इस क्रम में वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय बैठकों का सिलसिला शुरू करने जा रहा है जिनमें इन सब मुद्दों पर विचार होगा।

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इस क्रम में पहली बैठक स्नैपडील और फ्लिपकार्ट जैसे शीर्ष स्टार्ट अप्स के संस्थापकों के साथ बृहस्पतिवार को होगी। इसके बाद स्टार्ट अप से संबंधित सभी पक्षों के साथ अलग अलग बैठक कर वाणिज्य व उद्योग राज्यमंत्री निर्मला सीतारमण स्टार्ट अप कार्यक्रम को सफल बनाने के नुस्खों पर विचार करेंगी। सरकार मान रही है देश में रोजगार के अवसर बढ़ाने में स्टार्ट अप अहम भूमिका निभा सकते हैं।

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अमेरिका में भी सर्वाधिक रोजगार स्टार्ट अप्स के जरिए ही सृजित होते हैं। इसलिए मोदी सरकार का मानना है कि देश में नौकरियां उपलब्ध कराने के लक्ष्य को स्टार्ट अप्स को सफल बनाकर ही प्राप्त किया जा सकता है।अब तक देश में स्टार्ट अप शुरू करने के 728 प्रस्ताव सरकार को प्राप्त हो चुके हैं। इनमें से 180 को सही पाया गया है और उनकी पहचान स्टार्ट अप्स के तौर पर औद्योगिक नीति व संवर्धन विभाग (डीआइपीपी) कर चुका है। इनमें से 16 को टैक्स छूट के लिए योग्य पात्र माना गया है। यानी इन सोलह स्टार्ट अप्स को आयकर में तीन साल तक छूट का लाभ मिलेगा।

वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय स्टार्ट अप्स को सफल बनाने की दिशा में निरंतर प्रयास कर रहा है। डीआइपीपी की तरफ से देश की 50 शीर्ष कंपनियों से इनक्यूबेटर खोलने अथवा मौजूदा इनक्यूबेटर के स्तर को बढ़ाने में मदद करने को आगे आने का आग्रह किया गया है। सीतारमण की तरफ से बैठकों का सिलसिला शुरू करने का मुख्य मकसद भी यही है कि स्टार्ट अप्स को ट्रेनिंग, वित्तीय मदद और कौशल विकास में आ रही बाधाओं को दूर किया जा सके। इसीलिए सभी पक्षों के साथ मिलकर एक मददगार माहौल तैयार करने की कोशिश की जा रही है।

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