नहीं बनेगी सिविल एविएशन अथॉरिटी
सरकार ने डीजीसीए के स्थान पर सिविल एविएशन अथॉरिटी बनाने के प्रस्ताव को करीब-करीब छोड़ दिया है। विमानन मंत्री अशोक गजपति राजू ने शुक्रवार को कहा कि उन् ...और पढ़ें

नई दिल्ली, प्रेट्र : सरकार ने डीजीसीए के स्थान पर सिविल एविएशन अथॉरिटी बनाने के प्रस्ताव को करीब-करीब छोड़ दिया है। विमानन मंत्री अशोक गजपति राजू ने शुक्रवार को कहा कि उन्हें नियामक का सिर्फ नाम बदलने की कोई जरूरत नहीं दिखती है।
संप्रग सरकार ने नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) की जगह सिविल एविएशन अथॉरिटी यानी सीसीए बनाने का प्रस्ताव किया था। इसे परिचालन और वित्त संबंधी पूरी स्वायत्तता देने की बात कही गई थी ताकि यह भरपूर अधिकार संपन्न हो।
विमानन मंत्री ने कहा कि सीएए की क्या आवश्यकता है? सिर्फ नाम बदलने से क्या उद्देश्य हल होगा? मुझे डीजीसीए की जगह नई संस्था की कोई जरूरत नहीं दिखती। हालांकि, राजू ने स्वीकार किया कि डीजीसीए के कामकाज में अपारदर्शिता है। उन्होंने यात्री सुरक्षा के हित में इस संस्था में पारदर्शिता लाने का वादा किया।
राजू बोले कि डीजीसीए को ज्यादा जवाबदेह और अर्थपूर्ण संस्था बनाने के लिए महत्वाकांक्षी योजना बनाई जा रही है। संप्रग सरकार के दौरान सुरक्षा मुद्दों के आधार पर रेगुलेटर की रेटिंग डाउनग्रेड हुई। राजग सरकार इसमें सुधार कर रही है। जनवरी, 2014 में अमेरिकी फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन ने भारत की एविएशन सेफ्टी रेटिंग घटाई थी। बीते साल अप्रैल में इसे अपग्रेड किया गया।
डीजीसीए के 18 प्रमुख सेवाओं को पूरी तरह ऑनलाइन बनाने की उम्मीद है। ई-जीसीए प्रोजेक्ट के हिस्से के तौर पर इनमें पायलटों को लाइसेंस देना, सुरक्षा प्रक्रियाओं व इंजीनियरिंग और फ्लाइट ऑपरेशनों की मंजूरी शामिल है। राजू का बयान ऐसे समय आया है जब दुनियाभर में विशेष तौर पर ब्रसेल्स एयरपोर्ट पर मार्च में हुए आतंकी हमले के बाद विमानन सुरक्षा का खतरा बढ़ा है।
खाली विमान में ही हो दवा का छिड़काव
सभी एयरलाइनों को निर्देश मिला है कि वे कीटाणुनाशक या कीटनाशक का उपयोग विमान में यात्रियों के बैठे होने पर न करें। खाली विमान में ही दवा का छिड़काव हो। वजह यह है कि इनसे यात्रियों की सेहत को नुकसान पहुंच सकता है। इस संबंध में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश के बाद डीजीसीए ने एयरलाइनों को निर्देश जारी किया है।

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