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विशेषज्ञ टिप्पणी: सामाजिक सरोकारों का भी रखा ध्यान

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2015-16 के लिए विकास को गति देने वाला बजट पेश किया है। इसके साथ ही उन्होंने बजट में सामाजिक सरोकारों का भी पूरा ध्यान रखा है। ग्रामीण क्षेत्रों में आधारभूत ढांचे का विकास, सिंचाई और मनरेगा जैसी सामाजिक सरोकार की योजनाओं के लिए बजट आवंटन

By Rajesh NiranjanEdited By: Published: Sun, 01 Mar 2015 07:20 AM (IST)Updated: Sun, 01 Mar 2015 07:31 AM (IST)

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2015-16 के लिए विकास को गति देने वाला बजट पेश किया है। इसके साथ ही उन्होंने बजट में सामाजिक सरोकारों का भी पूरा ध्यान रखा है। ग्रामीण क्षेत्रों में आधारभूत ढांचे का विकास, सिंचाई और मनरेगा जैसी सामाजिक सरोकार की योजनाओं के लिए बजट आवंटन में वृद्धि की गई है। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी और ग्रामीण उपभोक्ताओं के हाथ में ज्यादा पैसा आएगा। बजट में ‘मेक इन इंडिया’ पर जोर देते हुए शिक्षा और रोजगार के अवसर सृजित करने पर भी ध्यान केंद्रित किया गया है।

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इस बजट के माध्यम से सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए कई उपायों की घोषणा की है। इससे न सिर्फ बुनियादी ढांचे का विकास होगा, बल्कि रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। इतना ही नहीं बजट में उद्यमिता और नई खोजों को बढ़ावा देने के लिए भी कई कदम उठाए गए हैं। काले धन का प्रसार रोकने और गरीब तबके के लोगों के लिए सामाजिक सुरक्षा मुहैया कराने की दिशा में किया गया प्रयास स्वागत योग्य है। वित्त मंत्री ने आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए जीवन बीमा और दुर्घटना बीमा के साथ ही पेंशन योजना शुरू करने का प्रस्ताव किया है।

बीमा क्षेत्र की बात करें तो स्वास्थ्य बीमा पर छूट की सीमा 15 हजार से बढ़ाकर 25 हजार रुपये कर दी गई है। वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह सीमा 30 हजार रुपये होगी। इलाज की बढ़ती लागत देखते हुए सरकार के इस कदम की सराहना की जानी चाहिए।

[राजेश सूद: लेखक मैक्स लाइफ इंश्योरेंस कॉ. लि. के सीईओ और महानिदेशक हैं।]

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