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खाताधारक नहीं बैंक कर्मी जमा कर रहे हैं जन धन खातों में पैसा

केंद्र सरकार की फ्लैगशिप स्कीम जन-धन अब बैंकों का सिरदर्द बनती जा रही है।

By MMI TeamEdited By: Published: Tue, 13 Sep 2016 12:12 PM (IST)Updated: Tue, 13 Sep 2016 12:54 PM (IST)

नई दिल्ली: केंद्र सरकार की फ्लैगशिप स्कीम जन-धन अब बैंकों का सिरदर्द बनती जा रही है। वैसे तो खाताधारक खुद अपने बैंक खातों में पैसा जमा करते हैं, लेकिन बैंक जीरो खातों की संख्या घटाने के लिए खुद ही लोगों के जन-धन खातों में पैसा जमा कर रहे हैं। आपको बता दें कि जनधन योजना साल 2014 के अगस्त महीने से अमल में आ चुकी है। एक अंग्रेजी अखबार के जरिए ये जानकारी सामने आई है।

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करोड़ों जीरो बैलेंस खाते बन गए मुसीबत

केंद्र सरकार की जन-धन स्कीम के तहत कोई भी व्यक्ति जीरो बैलेंस पर जन-धन खाता खोल सकता है। इसलिए करोड़ों की संख्या में लोगों ने इसमें अपने खाते भी खुलवा लिए। अब यही बैंकों के लिए नई मुसीबत बनता जा रहा है। लोगों से उनके खाते में पैसा जमा करने के लिए कहना थोड़ा मुश्किल काम है इसलिए बैंक खुद अपने अलाउंस से इन खातों में एक या दो रुपए जमा कर रहे हैं।

पासबुक देखकर हैरान हो रहे हैं जन-धन खाताधारक

जनधन खाताधारक अपनी पासबुक देखकर हैरान हो रहे हैं। जन-धन योजना लागू (अगस्त 2014) होने के कुछ ही महीने बाद बरेली (यूपी) के पूर्णापुर गांव की रहने वाली कमलेश (हाउसवाइफ) ने पंजाब और सिंध बैंक की एक स्थानीय शाखा में अपना जन-धन खाता खुलवाया था। ऐसा सिर्फ कमलेश के साथ ही नहीं था उनके जैसे 17.90 करोड़ ((26 अगस्त 2016 को जनधन खातों की संख्या 17.90 करोड़ थी) अन्य लोगों ने भी जीरो बैलेंस पर अपना जन-धन खाता खुलवाया था। लेकिन इस साल अगस्त महीने में जब कमलेश ने अपनी पासबुक अपडेट करवाई तो वह हैरान रह गईं। उनके खाते में एक रुपए जमा था, जबकि उन्होंने अपने खाते में कोई भी पैसा जमा नहीं किया था। कमलेश ने बताया कि 29 सितंबर 2015 को उनके खाते में 1 रुपया जमा किया गया था।

बैंक क्यों जमा कर रहे हैं पैसा?

जब 6 राज्यों के 25 से ज्यादा गांवों में जाकर खाताधारक और बैंक कर्मियों से पड़ताल की तो पता चला कि बैंक कर्मी ही इन खातों में पैसा जमा कर रहे हैं। जानकारी में यह बात सामने आई कि बैंक कर्मियों पर जीरो बैलेंस खातों की संख्या कम दिखाने का दबाव होता है, इसलिए वो खातों में पैसा जमा कर रहे हैं। सामान्य तौर पर जीरो बैलेंस खाते का मतलब यह होता है कि उसे कोई भी इस्तेमाल नहीं कर रहा है लिहाजा उसे बंद करने का दबाव बढ़ जाता है इससे बचने के लिए उस खाते में 1 रुपए जमा करना ही सबसे आसान रास्ता नजर आता है।

कहां से जमा हो रहा है पैसा

जानकारी में यह बात सामने आई है कि कर्मचारियों के यात्रा एवं मनोरंजन भत्ते, कैंटीन सब्सिडी, ऑफिस रखरखाव, डिमांड ड्राफ्ट और ऑनलाइन ट्रांसफर से मिलने वाली फीस से ही इन खातों में पैसा जमा किया जा रहा है। बैंक कर्मियों का कहना है कि वो इन खातों को चलाने के लिए अपनी जेब से पैसा जमा कर रहे है


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