गेंहू के पैदावार को लेकर एसोचैम के अनुमान पर भड़के कृषि मंत्री
बेमौसम बारिश से गेहूं की पैदावार में कमी होने के उद्योग संगठन एसोचैम के पूर्वानुमान पर सरकार ने तीखी प्रतिक्रिया जताई है।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। बेमौसम बारिश से गेहूं की पैदावार में कमी होने के उद्योग संगठन एसोचैम के पूर्वानुमान पर सरकार ने तीखी प्रतिक्रिया जताई है। कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने तो गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कुछ लोग गेहूं आयात शुल्क में कटौती करने के लिए सरकार पर दबाव बनाना चाहते हैं। गेहूं की पैदावार पर उद्योग संगठन के अनुमान को मनगढ़ंत व गलत करार दिया है।
एसोचैम ने अपने एक अनुमान में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के चलते देश में गेहूं की फसल के खराब होने और उत्पादन में डेढ़ करोड़ टन की कमी बताई है। जबकि सरकार के दूसरे अग्रिम अनुमान गेहूं की पैदावार 9.38 करोड़ टन होना बताया गया है। सरकार ने माना है कि हालिया बारिश, तेज हवाओं और ओलावृष्टि से नुकसान हुआ है, लेकिन बहुत सीमित क्षेत्रों में ही है। फिर भी गेहूं की पैदावार नौ करोड़ टन से अधिक ही होगी। गेहूं की यह पैदावार पिछले फसल वर्ष 2014-15 के 8.66 करोड़ टन के मुकाबले अधिक है।
एसोचैम के इस अनुमान से खासा नाराज कृषि मंत्री सिंह ने कहा कि भारतीय खाद्य निगम के बफर स्टॉक में निर्धारित मानक के मुकाबले अधिक गेहूं है। एक अप्रैल 2016 को स्टॉक में जहां 76 लाख टन गेहूं होना चाहिए, वहां स्टॉक 1.35 करोड़ टन यानी दोगुना है। निगम ने पिछले दिनों 70 लाख टन गेहूं की बिक्री खुले बाजार में की है। पिछले दिनों एफसीआई के मांगे गये टेंडर में व्यापारियों ने कोई उत्साह नहीं दिखाया। इससे स्पष्ट है कि बाजार में गेहूं की कोई कमी नहीं है।
कृषि मंत्री सिंह ने कहा कि देश में गेहूं का भारी स्टॉक और घरेलू किसानों के हित संरक्षण को देखते हुए सरकार ने गेहूं आयात पर 25 फीसद का शुल्क लगा दिया है। कुछ लोग जानबूझकर गलत आंकड़े पेश कर सरकार पर आयात शुल्क में कटौती का दबाव बना रहे हैं। सरकार उनकी मंशा को पूरा नहीं होने देगी। सरकार गेहूं की घरेलू कीमतों पर नजर बनाए हुए है।

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