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आपकी शादी हुई हो या नहीं, आपके काम की हैं ये बातें, क्लिक करें

माना जा रहा है कि आज कल युवाओं की समझ काफी परिपक्व हो चुकी है। ज्यादातर युवा दंपत्ति अपनी जिंदगी को सुखमय और शादी के बाद अपने जीवन को ठीक रखने के लिए कई बातों पर गौर करते हैं। लेकिन कहीं न कहीं फाइनेंशियल प्लानिंग की बातें पीछे छुट जाती हैं। युवा दंपत्तियों को लगता है कि उनके पास इन सब काम

By Edited By: Published: Sat, 28 Sep 2013 11:13 AM (IST)Updated: Mon, 30 Mar 2015 06:40 PM (IST)
आपकी शादी हुई हो या नहीं, आपके काम की हैं ये बातें, क्लिक करें

नई दिल्ली। माना जा रहा है कि आज कल युवाओं की समझ काफी परिपक्व हो चुकी है। ज्यादातर युवा दंपत्ति अपनी जिंदगी को सुखमय और शादी के बाद अपने जीवन को ठीक रखने के लिए कई बातों पर गौर करते हैं। लेकिन कहीं न कहीं फाइनेंशियल प्लानिंग की बातें पीछे छुट जाती हैं। युवा दंपत्तियों को लगता है कि उनके पास इन सब कामों के लिए काफी वक्त है। लेकिन यह बात सच नहीं है। खर्चो का प्रबंधन, बचत और निवेश पर्सनल फाइनेंस के फैसले जीवन के शुरुआती दौर में ही कर लेने चाहिए। यहां आपको कुछ उपाय बता रहे हैं जो शायद आपके विवाहित जीवन के काम आ सकें।

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जीवन साथी के साथ अपने लक्ष्यों पर करें बातचीत : ज्यादातर लोग अपने जीवन साथी के साथ व्यक्तिगत लक्ष्यों और योजनाओं पर बातचीत नहीं करते। जरूरी नहीं कि दोनों की जीवनशैली एक जैसी हो। अगर आपके पास कमाई के साधन सीमित हैं तो बेहतर होगा कि आप एक-दूसरे की प्राथमिकताओं पर बातचीत करें।

अपने खर्चो को मैनेज करें, अपने खर्चो का बजट बनाएं : अपने खर्चो की एक सूची तैयार करें और मासिक आधार पर उसका बजट तय करें। आप अपने खर्चो में थोड़ी-बहुत कमी कर प्रत्येक माह 20 फीसद तक की बचत कर सकते हैं।

अपने कर्ज पर रखें नजर : युवा दंपत्तियों के साथ आज कल देखा जा रहा है कि वह कर्ज को लेकर काफी निश्चित रहते हैं क्योंकि दोनों ही व्यक्ति नौकरीपेशा हैं। हालांकि, भविष्य में कौन सा दिन देखना पड़े ये कौन जानता है। आपको आने वाले वक्त के लिए भी पैसे जमा करना होगा। मान लीजिए कोई एक अगर काम करना छोड़ देता है तो कर्ज की अदायगी पर प्रभाव पड़ेगा। कर्ज लेने से पहले अपने भविष्य में मौजूद नकद पर गौर कर लें।

बचत कर भविष्य को रखें सुरक्षित : नव दंपत्ति पहली बार मिलकर जब वित्तीय योजना की शुरुआत करते हैं तो बचत पर ज्यादा ध्यान नहीं देते। जीवन के शुरुआती दिनों में इसके प्रभाव का पता नहीं चलता लेकिन जैसे-जैसे खर्चे बढ़ते हैं तो बचत का मूल्य समझ में आता है। आर्थिक भाषा में कहा जाता है कि छोटी-छोटी बचत आपको बड़े से बड़े संकट से बचा सकती है।

- रोजाना बचत करने की कोशिश करें क्योंकि वक्त बढ़ने पर आपकी बचत की लागत भी बढ़ेगी।

- आपातकालीन स्थिति के लिए बचत करनी बेहद जरूरी है। ये आपके लिए एक तरह से इंश्योरेंस का काम करेगा।

- अपने मेडिकल और हॉस्पिटल के बिलों के लिए एक हेल्थ कवर खरीदें।

- पैसे को एक ही जगह न रखें, उसे अलग-अलग स्कीमों में जमा करें। साथ ही, उन स्कीमों में मौजूद जोखिम का ध्यान रखते हुए बचत की योजना बनाएं।

कहा जाता है कि शादी तब ज्यादा बेहद तरीके से कारगर साबित होती है जब आपका पर्सनल फाइनेंस सही होता है।


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